सहारनपुर कांड : दलितो के जले घरो पर रोटियां सकते राजनीतिक दल, सचिव गृह घटना स्थल पर

लखनऊ।  बहजन समाज पार्टी जब जब अपनी पार्टी की इज्जत की बात करती है तब तब देश या  प्रदेश में भाई चारे को खत्म करने का अनुचित प्रयास सफल हो जाता है।  सहारनपुर कांड में मायावती ने वह पहुँचकर जो भाषण दिया वह शांति स्थापित करने वाला कम और भड़काने वाला अधिक था। भीड़ को यह बताकर की मुझे हेलीकॉप्टर से आने की अनुमति नही मिली और मुझे बाई रोड आना पड़ा।बाई रोड मुझे जगह जगह रोका गया जिससे मेरा ही फायदा हुआ । दूसरे शब्दों में वह वहाँ उपस्थित लोगों को यह संदेश दे रही थी या यह बताने के प्रयास कर रही थी कि रास्ते मे जो लोग भी मिले वे सब आपके समर्थन में है। मायावती का यह सियासी दाव वहा इकट्ठा भीड़ पर भारी पड़ गया। ऐसा लगता है कि एक जाति विशेष के लोग जोश में अपना होश खो गये और मायावती के वापस होते ही पुनः संषर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई।

उधर समाजवादी पार्टी के नारदमुनि कहे जाने वाले रामगोपाल भी सहारनपुर कांड की आग में अपनी रोटियां सेंकने में पीछे नही रहे।राम गोपाल ने सीधा प्रहार भाजपा पर कर दिया और यह तक कह डाला कि भाजपा जातियों के मध्य विवाद बढ़ाने वाली पार्टी है। आश्चर्य तब होता है जब  मुलायम के संगठित परिवार को विखंडित कराने वाला आदमी राजनैतिक द्वेष वश किसी अन्य पार्टी पर ऐसा आरोप लगाए। आज राम गोपाल के कारण ही यूपी में सपा जैसी पार्टी का इतना बुरा हाल हुआ।

इधर मुख्य मंत्री योगी ने कल हुए कांड में मरने वाले व्यक्ति के परिवार 15 लाख रुपये का अनुदान एवम घायलों को 50-50 हज़ार देने की घोषणा की है।इसके अलावा योगी ने पुलिस अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए है कि सहारनपुर की स्थिति सामान्य बनाई जाए।

मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ के निर्देश पर सचिव गृह मणि प्रसाद मिश्रा घटना स्थल पर पहुच कर स्वम स्थिति सामान्य करने की दिशा में कार्यवाही कर रहे है। मणि प्रसाद मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंन्त्री के निर्देशानुसार यहां कानून का राज स्थापित करना है और उसमें किसी प्रकार की भी बाधा आयी तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

प्रयत्क्ष दर्शियों के अनुसार वहा यह कांड बाहर से आये कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा किया गया जिसमें भीम आर्मी का योगदान भी था।सभी का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण यह घटना घटित हुई। वहां के लोग इस बात से भी भयभीत है कि राजनैतिक पार्टियों के आने से माहौल और बिगड़ने की संभावना बनी रहती है।कल के कांड पर राजपूतो ने यह भी बताया कि मायावती के जाते ही भीम आर्मी की लोगो द्वारा उपद्रव किया गया और उन्होंने ही दलितों के घरों में आग लगाई।

सहारनपुर कांड पर अभी कांग्रेस ने अपने पत्ते नही खोले है और न ही उनका कोई सम्मानित  नेता अभी तक सहारनपुर पहुँचा है।कांग्रेस के साथ दिक्कत यह है कि उनके प्रवक्ता जिस प्रकार कांग्रेस की बची खुची साख गिरा रहै है उसको देखते हुये कोई नेता सार्वजनिक स्थानों पर जाने से कतराता है। विधान सभा चुनाव परिणाम भी कांग्रेस के लिये एक बड़ा कारण है।

सहारनपुर कांड पर रोटियां सेंकने हेतु मायावती और राम गोपाल ने अपनी पार्टी का भविष्य ध्यान में रख कर यह काम किया है। बन्द कमरे से राजनीति करने वाली मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बयान के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक सभा को संबोधित किया है,शायद लालू के इस आश्वासन के बाद की, कि लालू मायावती को राज्य सभा पहुचायेंगे।

 

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