सीट बटवारे में ज्यादा बड़ा हिस्सा चाहती है बसपा

लखनऊ । बसपा प्रमुख मायावती के हालिया बयान ने एक बात साफ कर दिया है कि गठबंधन में सीट बंटवारे के मुद्दे पर वह झुकने को तैयार नहीं हैं। वह वोट बैंक व जनाधार के हिसाब से सीटों का बंटवारा चाहती हैं। पूर्व में जो फार्मूला सामने आया था इस बयान के बाद उसमें बदलाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। बसपा चाहती है कि जनाधार के हिसाब से उसे सीट बटवारे में बड़ा हिस्सा चाहती है। पार्टी इसे ही सम्मानजनक स्थिति बता रही है।

मायावती की कार्यशैली और राजनीति हनक किसी से छिपी नहीं है। वह अपनी शर्तों पर राजनीति करती हैं यह सभी जानते हैं। शायद ही कारण था कि जब राजद प्रमुख लालू यादव ने भाजपा के खिलाफ विपक्षियों को एकजुट करने के लिए पटना में रैली बुलाई तो वह नहीं गई। इतना ही नहीं पत्रकार वार्ता में यह साफ किया कि किसी भी गठबंधन से पहले सीटों का बंटवारा होना चाहिए और पार्टियों को उसकी हैसियत के हिसाब से सीटें मिलनी चाहिए। वरना, गठबंधन सफल नहीं होगा और भाजपा इसका सीधा फायदा उठाने में कामयाब होगी।

मायावती वैसे तो पहले भी कई पार्टियों से गठबंधन कर चुकी हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 से पहले गठबंधन की हुई शुरुआत काफी मायने रखता है। बसपा प्रमुख ने लोकसभा चुनाव में यूपी में सपा के साथ गठबंधन के साफ संकेत दे दिए हैं। गठबंधन में किसके हिस्से में कितनी सीटें जाएंगी यह तय करने की कवायद चल रही है। इस बीच राष्ट्रीय अधिवेशन में मायावती द्वारा पदाधिकारियों के सामने यह कहना कि सम्मानजनक स्थिति पर ही वह गठबंधन करेंगी, वरना अकेले चुनाव लड़ेंगी। पार्टी पदाधिकारी हर परिस्थितियों के लिए तैयार रहें।

मायावती का यह बयान काफी मायने रखता है। अब देखना होगा कि लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले गठबंधन में कौन-कौन पार्टियां होंगी और किसके खाते में कितनी सीटें जाएंगी। पर, इतना तो साफ है कि बसपा गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर किसी कीमत पर झुकने वाली नहीं है।

 

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