सीधी भर्ती लागू करने से पहले उस पर व्यापक बहस चाहती हैं ममता बनर्जी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार (12 जून) कहा कि शीर्ष पदों पर सीधी भर्ती से सरकार के कामकाज से जुड़ी ‘ संवेदनशीलता शिथिल ’ हो सकती है और उसे लागू करने से पहले विभिन्न संबंधित पक्षों के बीच उस पर व्यापक बहस की जरूरत है. केंद्र ने आर्थिक क्षेत्रों जैसे आर्थिक विषयों, कृषि, सड़क परिवहन और पर्यावरण में विशेषज्ञता वाले व्यक्तियों, जो निजी क्षेत्रों से भी हो सकते हैं , से संयुक्त सचिव स्तर के 10 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किये हैं.

ममता ने फेसबुक पर पोस्ट किया कि यदि मेधावी व्यक्ति केंद्र सरकार की कार्यकुशलता सुधारने के लिए उससे जुड़ते हैं तो कोई आपत्ति नहीं है लेकिन चिंता के कुछ विषय हैं. उन्होंने लिखा, ‘‘अखिल भारतीय सेवा/केंद्रीय सेवाओं के अधिकारी भारत सरकार में फिलहाल संयुक्त सचिव और समतुल्य पदों पर कार्यरत हैं. ये अधिकारी यूपीएससी जैसे संवैधानिक निकायों की पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से सरकारी सेवाओं में लिये जाते हैं.’’

ममता ने कहा कि इन अधिकारियों से अपने कर्तव्य निर्वहन में राजनीतिक रूप से तटस्थ रहने की उम्मीद की जाती है और ऐसे मानकों से थोड़ा भी हटना देश के लिए अच्छा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी ईमानदारी, जवाबदेही के साथ काम करते हैं और देशहित सर्वोच्च होता है.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसे में मैं महसूस करती हूं कि इस व्यवस्था से थोड़ा भी हटना खासकर गैर सरकारी क्षेत्र के पेशेवरों को लाना, भले ही वे मेधावी ही क्यों न हों, से सरकार के कामकाज से जुड़ी संवेदनशीलता शिथिल हो सकती है. ऐसे में इस विषय पर व्यापक चर्चा जरूरी है. ’’ आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों के विरोध के बाद इस अधिसूचना पर फिर से विचार करने का मन बनाया है.

संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षाओं के बिना पाश्र्विक प्रवेश (लैटेरल एंट्री) के माध्यम से संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर नियुक्ति को लेकर जारी अधिसूचना को केंद्र वापस लेने पर विचार तक सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों के दबाव में सरकार शायद अपनी इस योजना को रोक दे. हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. संयुक्त सचिव मंत्रालय या विभाग के सचिव/अवर सचिव को रिपोर्ट करते हैं तथा आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और अन्य संबद्ध सेवाओं से उनकी नियुक्ति की जाती है.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने निजी क्षेत्र के पेशेवरों के लिए नौकरशाही का दरवाजा खोलते हुए रविवार (10 जून) को यूपीएससी परीक्षाओं के विपरीत लैटेरल एंट्री के जरिये संयुक्त सचिव स्तर के पदों के लिए 10 आवेदन मंगाए थे. सरकार ने कहा कि इस प्रस्ताव का मकसद शासन प्रणाली में नए विचार व नजरिए को शमिल करना और मानवशक्ति में इजाफा करना है.

संयुक्त सचिव सरकार में वरिष्ठ प्रबंधन का महत्वपूर्ण स्तर पर होते हैं, जो अपने विभागों में नीति निर्माण और विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं के कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाते हैं. वह संबंधित मंत्रालयों में सचिव व अतिरिक्त सचिव को रिपोर्ट करते हैं. संयुक्त सचिव के पद आमतौर पर यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं के माध्यम से भरे जाते हैं

 

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