सीबीआई रिमांड पर भेजे गए कार्ति, कल फिर कोर्ट में होंगे पेश

नई दिल्ली । सीबीआई ने पूर्व गृह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से 15 दिन की रिमांड पर भेजने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने कार्ति को एक दिन की रिमांड पर भेज दिया है. वहीं बेटे की गिरफ्तारी के बाद पिता पी चिदंबरम विदेश दौरा स्थगित कर स्वदेश लौट रहे हैं.

पटियाला हाउस कोर्ट में कार्ति की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी और सीबीआई के बीच जोरदार बहस चल रही है. कार्ति की ओर से एक याचिका दाखिल की गई कि सीबीआई की रिमांड पर लेने की अर्जी खारिज की जाए. सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुमित आनंद कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने उन्हें 15 दिन की कस्टडी में लेने की मांग की है.

सीबीआई की ओर से कहना है कि कार्ति सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं. उन्होंने जांच के सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की, साथ ही उनके खिलाफ कई पुख्ता सबूत हैं.कार्ति चिदंबरम की ओर से कांग्रेसी नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी अपना पक्ष रख रहे हैं. मनु सिंघवी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि कार्ति 23 अगस्त, 2017 से जांच में सहयोग कर रहे हैं. 22 घंटे उन्होंने सीबीआई के सवालों का जवाब दिया है और उनके पास पूछने के लिए कुछ भी नहीं बचा है.

उन्होंने आगे कहा, ‘ये कैसे संभव है कि दो बार आपके बुलाने और दोनों ही बार उनके आने के बाद भी सीबीआई ये कैसे कह सकती है कि उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया, उन्हें लगता है कि 22 घंटे की पूछताछ के बाद उनके पास उनसे कुछ भी पूछने के लिए बचा ही नहीं है. उनके पास कुछ भी छुपाने के लिए नही है.’

कार्ति की गिरफ्तारी पर सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी को हथियार की तरह इस्तेमाल मत कीजिए, ये कहना कि गिरफ्तारी करना सीबीआई की जिम्मेदारी है, जबकि यह गिरफ्तारी वाला मामला ही नहीं है.

इससे पहले कार्ति को बुधवार सुबह सीबीआई ने चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया और फिर जेट फ्लाइट से दिल्ली लेकर आई. इसके बाद उन्हें आज शाम पटियाला हाउस कोर्ट में पेश कर दिया गया.

सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने इस मामले में वित्त मंत्रालय से जुड़े कुछ बड़े नौकरशाहों के बयान दर्ज किए हैं.

दूसरी ओर, कार्ति के पिता पी चिदंबरम ने लंदन का दौरा स्थगित कर दिया है और आज रात वह स्वदेश लौट रहे हैं.

कस्टडी के लिए सीबीआई का आधार

सीबीआई कार्ति की कस्टडी के लिए कोर्ट को बताएगी कि किस तरह से विदेशी फंड हासिल करने के लिए कार्ति ने इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी की कंपनी आईएनएक्स मीडिया की मदद की थी. सीबीआई का कहना है कि एफआईपीबी ने 2007 में आईएनएक्स के 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड लेने पर रोक लगा दी थी और केवल 5 करोड़ रुपये हासिल करने की ही इजाजत मिली थी.

ऐसे में इंद्राणी और उनके पति ने कार्ति की कंपनी चेस मैनेजमेंट सर्विस की मदद ली थी. इस काम के लिए कार्ति की कंपनी को 10 लाख रुपये दिए गए थे.

 

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