सीरिया में रूसी हमले तेज, 300 आतंकी ढेर, US ने रोका 3000 करोड़ का प्रोग्राम

सीरिया में यूएस-रूस के प्लेन टकराने का खतरा बढ़ा तो बातचीत को राजी हुए दोनों देश

syriaमॉस्को। रशियन एयरफोर्स ने 24 घंटे के भीतर सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के 60 ठिकानों पर हवाई हमले किए। बमबारी में 300 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है। अटैक एसयू-34 और एसयू-25 सीएम फाइटर जेट्स से किए गए हैं। वहीं दूसरी तरफ, यूएस ने सीरिया में विद्रोहियों की ट्रेनिंग के लिए चलाए जा रहे प्रोग्राम को बंद कर दिया है। इस प्रोग्राम का खर्च 3158 करोड़ रुपए (500 मिलियन डॉलर) था।
रूसी डिफेंस मिनिस्ट्री ने क्या बताया?
* रूसी डिफेंस मिनिस्ट्री ने इसे अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताया है। कहा जा रहा है कि रक्का सूबे में एक अटैक में 200 और अलेप्पो में 100 आतंकी मारे गए हैं। इस दौरान रूस ने अलेप्पो में गोला-बारूद का जखीरा भी नष्ट किया है। हालांकि, इन हमलों के बावजूद अलेप्पो के उत्तर में कई गांवों को आईएसआईएस ने विद्रोहियों से छुड़ाकर कब्जे में ले लिया।
* रूसी डिफेंस मिनिस्ट्री के डिप्टी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल इगोर माकुशेव ने मीडिया को बताया, “रक्का, लताकिया, इदलिब, अलेप्पो और हामा में मौजूद कम्युनिकेशन हब, कमांड पोस्ट, फ्यूल स्टोर्स और ट्रेनिंग कैंपों को निशाना बनाया गया।”
* ड्रोन फुटेज में इस्लामिक ग्रुप लिवा-अल-हक्का का हेडक्वार्टर तबाह करने की बात सामने आई है। बता दें कि यह ग्रुप 2012 से बशर असद सरकार के खिलाफ लड़ रहा था।
3158 करोड़ खर्च कर यूएस सिर्फ 80 फाइटर कर पाया था तैयार
यूएस इस प्रोग्राम के तहत अब तक सिर्फ 80 फाइटर ही तैयार कर पाया था, जिनमें से ज्यादातर या तो मारे गए या भाग गए। यूएस डिफेंस सेक्रेटरी एश कार्ठर ने बताया कि वे अब सीरिया में कुर्दिश फाइटर्स और अन्य विद्रोही ग्रुपों की ट्रेनिंग के लिए काम करेंगे।
फ्रांस ने भी तेज किए अटैक
* फ्रांस ने भी सीरिया में आईएसआईएस के ठिकानों पर हवाई हमले तेज कर दिए हैं। फ्रांस के रक्षा मंत्री जीन यूस ली द्रायन ने यह जानकारी दी। द्रायन ने बताया, “हमने रक्का में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया है। राफेल फाइटर जेट्स ने यहां आतंकियों के ट्रेनिंग कैंपों पर बम बरसाए हैं। यह पहली बार नहीं है और न ही आखिरी बार।”
* राष्ट्रपति ऑफिस की ओर से बताया गया कि फ्रांसीसी जेट्स ने उन ठिकानों को निशाना बनाया, जिनकी पहचान 15 दिनों में एक ऑपरेशन के दौरान की गई थी। कहा जा रहा है कि फ्रांस ने रीजनल सपोर्टर्स की मदद से इसे अंजाम दिया है। बता दें कि फ्रांसीसी जेट्स इससे पहले भी इराक में आईएसआईएस के ठिकानों पर हमले कर चुके हैं।
अमेरिका का दावा, ईरान में गिरीं रूसी क्रूज मिसाइलें
इससे पहले अमेरिका ने रूस द्वारा बुधवार को दागी गईं चार क्रूज मिसाइलें ईरान में क्रैश होने का दावा किया था। हालांकि, यूएस अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि क्रैश मिसाइलें ईरान के किस हिस्से में गिरीं। वहीं, रूस ने इस खबर का खंडन किया। रूसी डिफेंस मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन जेन इगोर कोनाशेनकोव ने कहा, “प्रोफेशनल्स जानते हैं कि इस तरह के ऑपरेशन में मिसाइल के टारगेट फिक्स रहते हैं। ये बिल्कुल सटीक होते हैं और इसके पहले गिरने का सवाल ही पैदा नहीं होता।” बता दें कि रूस ने समुद्र से मिसाइलें दागी थीं। उत्तरी-पश्चिमी सीरिया में 1,500 किमी दूर मौजूद 11 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर जंगी जहाज से 26 मिसाइलें लॉन्च की गई थीं।
ईरान के सरकारी मीडिया ने बताई अमेरिका की साजिश
ईरान की इरना न्यूज एजेंसी ने बताया कि पश्चिमी अजरबैजान सूबे के घोजघपन गांव में कुछ चीजें गिरी हैं। हालांकि, सरकारी मीडिया फार्स न्यूज एजेंसी ने इसे रूस के खिलाफ अमेरिका का ‘साइकोलॉजिकल ऑपरेशन’ बताया। फार्स न्यूज एजेंसी ने कहा, “जबसे रूस ने सीरिया में मिलिट्री ऑपरेशन शुरू किया है, पश्चिमी मीडिया और अधिकारी रूस की आलोचना कर रहे हैं।”
क्या हुआ है सीरिया में?
सीरिया में बीते करीब चार साल से सिविल वॉर जारी है। वहां फ्री सीरियन आर्मी जैसे कई ग्रुप असद की आर्मी से लड़ रहे हैं। इस्लामिक स्टेट ने भी सीरिया के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में, असद के लिए अपनी सत्ता को बचा पाना काफी मुश्किल हो रहा है।
सीरिया के मुद्दे पर रूस और अमेरिका जैसे देश क्यों हैं आमने-सामने?
– अमेरिका सीरियाई प्रेसिडेंट असद को हटाना चाहता है। रूस असद का खुलकर सपोर्ट करता है।
– असद की आर्मी इस्लामिक स्टेट और पश्चिमी देशों के समर्थक विद्रोहियों के खिलाफ लड़ रही है। रूस असद की आर्मी के साथ है।
– मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी अफसरों ने दावा किया है कि रूस सीरिया के उन इलाकों पर भी हवाई हमला कर रहा है, जहां आईएसआईएस एक्टिव नहीं है।
– ये वे इलाके हैं जहां सीरियाई प्रेसिडेंट असद के खिलाफ काम कर रहे कई विद्रोही संगठन एक्टिव हैं।
– रूस ने पिछले दिनों तुर्की के एयरस्पेस का भी वॉयलेशन किया। इससे अमेरिका और भड़क गया है।
– रूस के साथ सीरिया, ईरान और इराक जैसे देश हैं।
– वहीं, रूस के खिलाफ अमेरिका की अगुआई में ब्रिटेन और तुर्की जैसे देश हैं।
 

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