सुखपाल सिंह खैरा की जनमतसंग्रह वाली टिप्पणी से AAP ने खुद को अलग किया

चंडीगढ़। सिख भारत से अलग होना चाहते हैं या नहीं, इस पर फैसला करने के लिए जनमत संग्रह कराए जाने का कथित तौर पर समर्थन करने वाला बयान देने के लिये विपक्षी दलों की ओर से पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैरा की आलोचना के बाद प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल ‘आप’ ने खुद को अपने विधायक के बयान से आज अलग कर लिया.

आम आदमी पार्टी ने कहा है कि पार्टी प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर ‘जनमतसंग्रह 2020’ का समर्थन नहीं करती है जिसे कनाडा स्थित एक सिख संगठन कथित रूप से बढावा दे रहा है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा कांग्रेस के अन्य नेताओं और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने इस प्रस्तावित जनमतसंग्रह का समर्थन करने के लिए विधानसभा में विपक्ष के नेता खैरा पर जमकर हमला बोला.

प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल से इस मामले में उनका रूख स्पष्ट करने और अगर वह खैरा के बयान से सहमत नहीं हैं तो उन्हें पार्टी से बर्खास्त करने की मांग की है. हालांकि, ‘जनमतसंग्रह 2020’ का समर्थन करते हुए खैरा ने कहा कि वह भारत की एकता के लिए खड़े हैं.

‘आप’ के पंजाब उपाध्यक्ष बलबीर सिंह, माझा जोन के अध्यक्ष कुलदीप सिंह धालीवाल और मालवा जोन के नेता नारिंदर सिंह सिद्धू, गुरदित्त सिंह शेखों तथा दलबीर सिंह ढिल्लों ने संयुक्त बयान जारी किया. बयान में कहा गया है कि पार्टी का संविधान में पूरा भरोसा है और यह देश की अखंडता और संघीय ढांचे के खिलाफ किसी भी गतिविधि का समर्थन नहीं करती है. ‘आप’ नेताओं ने कहा कि खैरा का बयान उनका निजी बयान हो सकता है और पार्टी उनसे इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगेगी.

खैरा ने कथित रूप से कहा था, ‘मैं सिख जनमतसंग्रह 2020 अभियान का समर्थन करता हूं क्योंकि जिस अत्याचार का सिखों को सामना करना पड़ा है उसके लिये उन्हें न्याय की मांग करने का अधिकार है.’

राजनीतिक दलों की आलोचनाओं से घिरे खैरा ने कैप्टन के बयान पर प्रतिक्रिया करते हुए ट्वीट किया, ‘यह चौंकाने वाला है कि आपके स्तर का नेता तथ्यों को जाने बिना मेरे खिलाफ ट्वीट करता है. मैं जनमतसंग्रह 2020 का समर्थक अथवा तरफदार नहीं हूं लेकिन मैं केंद्र सरकारों द्वारा सिखों के खिलाफ भेदभाव की एक सतत नीति को इंगित करने में संकोच नहीं करूंगा, चाहे वह दरबार साहिब पर हमला हो अथवा सिखों का कत्लेआम हो. यही कारण है कि जनमतसंग्रह 2020 आया है.’

इससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि ऐसा लगता है कि खैरा को पंजाब के इतिहास की जानकारी नहीं है और न ही उन्हें इस बात की जानकारी है कि उनके इस तरह से बयानबाजी करने के क्या परिणाम होंगे, और यही कारण है कि वह इस तरह की हरकत कर रहे हैं .

रमनजीत सिंह सिक्की, हरमिंदर सिंह गिल, ओर हरदेव सिंह लाडी सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने संयुक्त बयान में इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए उनसे पूछा है कि क्या वह खैरा के रूख का समर्थन करते हैं. बयान में केजरीवाल से कहा गया है, ‘आपको, खैरा को पार्टी से बर्खास्त कर देना चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो खैरा की राष्ट्रविरोधी सोच पर आपकी सहमति जाहिर होगी.’

इस बीच शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने खैरा के बयान को आप की विभाजनकारी राजनीति का सबूत करार दिया है. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोरंजन कालिया ने कहा कि खैरा जनमतसंग्रह का समर्थन करने तथा संविधान के प्रति निष्ठा और भारत की एकता के संबंध में एकसाथ बोलकर, दोहरी बयानबाजी कर रहे हैं.

 

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