सुनील गावस्कर ने कसा तंज – अगर कप्तान ही बॉस है तो कोच की क्या जरूरत?

नई दिल्ली। अनिल कुंबले के टीम इंडिया के कोच के पद से इस्तीफ़ा देने के बाद उठा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. कुंबले ने एक ट्वीट करके अपने इस्तीफे का कारण बताते हुए कोहली से मनमुटाव होने की बात स्वीकार की थी. उधर, अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद टीम इंडिया में कोच और कप्तान के कद और उसके रोल को लेकर बहस तेज हो गई है. वैसे भारतीय क्रिकेट के लिए ये मुद्दा नया नहीं है. इससे पहले ग्रेग चैपल-गांगुली के अलावा जॉन राइट और टीम (वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान जैसे खिलाड़ी) के बीच हुए विवादों की यादें भी ताजा हो गई हैं.

पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि शायद यह भी हो सकता है कि अनिल कुंबले ने जिस तरह से मैच फीस बढ़ाने के लेकर अपना रुख दिखाया, उससे हो सकता है कि बोर्ड उससे नाराज हो. लेकिन मुद्दा यही है कि क्रिकेट सलाहकार समिति ने अगर कुंबले से कहा है कि कप्तान को आपसे समस्या तो यह बहुत ही निराशाजनक है. बोर्ड को अगर लगता है कि कप्तान ही बॉस है तो कोच की जरूरत नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया कि सलाहकार समिति के सुझावों की क्या अहमियत है.

उन्होंने कहा कि टीम को तैयार करने का श्रेय कोच को जाता है. ऐसे में कुंबले के काम की शिकायत नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि अगर कुंबले से जुड़ी समस्या को विराट विस्तार से बताएं तो टीम इंडिया और क्रिकेट के लिए बेहतर रहेगा ताकि आने वाले भविष्य में इन गलतियों को न दोहराया जा सके.

विदेशी कोच के सवाल पर उन्होंने कहा कि खिलाड़ी कम खेलने वाला कोच चाहते हैं. खिलाड़ी कम अनुभव वाले खिलाड़ियों को कोच के रूप में देखना चाहते हैं. कुंबले के इस्तीफे को अपमान करार देते हुए पूर्व कप्तान गावस्कर ने कहा कि अगर यही हाल रहा तो कोई भी वरिष्ठ खिलाड़ी टीम इंडिया का कोच नहीं बनना चाहेगा.

 

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