सुलगता बंगाल: आसनसोल में 30 उपद्रवी गिरफ्तार, इंटरनेट बंद, सियासत तेज

आसनसोल/रानीगंज। रामनवमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल में फैली हिंसा अभी तक थमने का नाम नहीं ले रही है. लगातार बंगाल जल रहा है, लेकिन इस बीच राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली में तीसरे मोर्चे की तैयारी में लगी हुई हैं. आसनसोल, रानीगंज, बर्धमान समेत कई जगहों पर अभी भी हालात ठीक नहीं हैं. हालांकि, ममता गुरुवार को ही राज्य में लौट सकती हैं.

आसनसोल के पुलिस कमिश्नर के अनुसार, इंटरनेट सर्विस को अगले 48 घटों के लिए बंद कर दिया गया है. वहीं आसनसोल में ही करीब 30 लोगों को अरेस्ट किया गया है. बताया जा रहा है कि अभी भी कई छोटे गांवों में हालात बिगड़े हुए हैं, यही कारण है कि सुरक्षा को सख्त किया गया है.

राज्यपाल की यात्रा को ना!

राज्य के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी भी इसी बीच आसनसोल जाने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन राज्य सरकार ने उन्होंने सुरक्षा मुहैया कराने से इनकार कर दिया है. कोलकाता में राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘राज्य सरकार ने सूचित किया है कि क्षेत्र में पुलिस की तैनाती को देखते हुए माननीय राज्यपाल को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराना मुश्किल होगा. यह भी बताया गया कि पास के रानीगंज और आसनसोल क्षेत्रों में स्थिति अब भी तनावपूर्ण है. ऐसे में माननीय राज्यपाल के दुर्गापुर दौरे पर जाने की सलाह नहीं दी जा सकती. माननीय राज्यपाल समाज के सभी वर्गों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं.’

बाबुल सुप्रियो का हमला लगातार जारी

इसी बीच, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो भी गुरुवार को आसनसोल का दौरा कर सकते हैं. सुप्रियो हिंसा को लेकर लगातार ममता सरकार पर हमलावर रहे हैं. सुप्रियो ने इस संबंध में ट्वीट किया और लिखा कि वह जिहादी सरकार को दिखा देंगे कि बंगाल की आत्मा अभी जिंदा है. उन्होंने ये भी कहा कि सोशल मीडिया पर सैकड़ों तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें से अगर 25 फीसदी भी सही निकलीं तो पता चलेगा कि हालात कितने खराब हैं. सुप्रियो ने इस संबंध में गृह मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात की है.

केंद्र ने भी मांगी है रिपोर्ट

बुधवार को केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार से रिपोर्ट भी मांगी थी. हिंसा फैलने के बाद राज्य में जिस तरह की परिस्थिति बनी है उस पूरे मुद्दे पर केंद्र को ओर से रिपोर्ट तलब की गई थी. इसके अलावा केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से कहा है कि अगर उन्हें पैरामिलिट्री फोर्स की जरूरत है, तो वह मुहैया करा सकती है. हालांकि, बंगाल सरकार ने केंद्र की पेशकश को ठुकरा दिया है.

क्या हुआ था?

25 मार्च को रामनवमी के मौके पर जुलूस को लेकर बर्धमान जिले के रानीगंज इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी. हालात आगजनी और फायरिंग तक पहुंच गए थे, जिसमें एक व्यक्ति की मौत होने की बात सामने आई है. पुलिस ने अब तक हिंसा के आरोप में 19 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं, पूरे सूबे में बीजेपी और उससे जुड़े हिंदुवादी संगठनों ने तलवार और दूसरे हथियारों के साथ रामनवमी का जुलूस निकाला था.

 

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