सेना की तैनाती से नजरबंदी तक, एक हफ्ते में ऐसे बदले कश्मीर के हालात

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पर देश भर की निगाहें हैं. कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनात किया जा चुका है इसी बीच कश्मीर घूमने गए पर्यटकों को सोमवार तक घाटी छोड़ने को कहा गया है. राज्य में लगातार बदलते सियासी हालात के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जम्मू कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है. एक हफ्ते में ऐसे बदल गई है कश्मीर की फिजा. इस पर पर हर किसी की नजर है कि क्या मोदी सरकार कश्मीर पर कोई फैसला करने जा रही है?

27 जुलाई

सबसे पहले खबर आई की आतंकवाद विरोधी अभियान और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की अतिरिक्त 100 कंपनियों को तैनात किया जाएगा. अतिरिक्त सुरक्षाबलों में 100 कंपनियों में से 50 सीआरपीएफ, 10 बीएसएफ, 30 एसएसबी और 10 आईटीबीपी की कंपनियां शामिल हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को इस संबंध में लिखा गया.

28 जुलाई

इसके बाद कश्मीर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई. पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र को चेतावनी दी कि राज्य की विशेष स्थिति के साथ छेड़छाड़ करने का अंजाम काफी बुरा हो सकता है. मुफ्ती का इशारा धारा 35A को रद्द करने और धारा 370 को खत्म करने की ओर था. बता दें कि बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में धारा 35A को समाप्त करने की वादा दिया था.

29 जुलाई

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक आदेश जारी करके मस्जिदों और उनकी प्रबंधन समितियों के बारे में विवरण मांगा गया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे. इसके बाद केंद्र द्वारा धारा 35A को रद्द करने के दिशा में आगे बढ़ने की संभावना के तहत देखा गया. यह आदेश श्रीनगर के एसएसपी हसीब मुगल द्वारा जारी किया गया था. हालांकि उन्होंने इसे नियमित पुलिस गतिविधि कहा था.

30 जुलाई

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने लोगों से कहा कि राज्य से जुड़ी अफवाहों पर ध्यान न दें. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि राज्य के ‘स्थायी निवासियों’ को विशेष अधिकार देने वाले आर्टिकल 35A को खत्म करने की केंद्र सरकार की कोई योजना नहीं है. हालांकि राज्यपाल ने रेलवे पुलिस अधिकारी के राशन एकत्रत करने के आदेश का उल्लेख नहीं किया. उन्होंने कहा था कि घाटी के अलगाववादी जानबूझकर स्थिति को खराब करना चाहते हैं.

31 जुलाई

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने संविधान के धारा 35A के बारे में जागरूकता अभियान चलाया. मुफ्ती ने दक्षिण कश्मीर के तीन जिलों-कुलगाम, शोपियां और पुलवामा इलाके की यात्रा करके धारा 35A के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए पीडीपी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. इस पर बीजेपी महासचिव राम माधव ने घाटी में भय फैलाने के लिए पीडीपी जैसे राजनीतिक दलों को दोषी ठहराया था. राम माधव ने श्रीनगर में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि बीजेपी ऐसे निर्णय लेगी जो जम्मू-कश्मीर के लोगों के हित में होगा.

1 अगस्त

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में पार्टी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें जम्मू-कश्मीर में मौजूदा स्थिति से अवगत कराया. इस दौरान फारूक अब्दुल्ला ने पीएम मोदी से कहा कि धारा 35A को रद्द करने के कदम से राज्य में स्थिति बिगड़ सकती है. इसके बाद खबरें आईं कि सुरक्षा बलों की 280 से अधिक कंपनियां कश्मीर घाटी में तैनात किए जाएंगे, जिसे बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने खंडन किया.

2 अगस्त

आतंकी खतरे की खुफिया सूचना के बाद अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया. जबकि यह यात्रा 15 अगस्त तक चलनी थी. सरकार ने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से कश्मीर घाटी में अपने ठहराव और यात्रा की अवधि कम करने का आदेश दिया था. साथ अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी कश्मीर घाटी से लौटने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया था. सरकार की इस अडवाइजरी के बाद राज्य से श्रद्धालु और पर्यटक लौटने लगे थे.

3 अगस्त

सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों के सीमा रेखा पर हमले करने की कोशिश को विफल कर दिया गया. इसी दिन नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात कर कहा कि केंद्र सरकार को यह बात साफ करनी चाहिए कि घाटी में से हजारों पर्यटक और अमरनाथ यात्रियों को क्यों कश्मीर छोड़कर जाने के लिए कहा गया है.

4 अगस्त

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने NSA अजीत डोभाल, गृह सचिव राजीव गाबा, आईबी चीफ अरविंद कुमार और रॉ चीफ समंत गोयल के साथ बैठक की थी. इसके अलावा शाह ने गृह मंत्रालय में कश्मीर मामलों के अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार संग भी बैठक की थी. इन बैठकों के बाद कश्मीर को लेकर काफी अटकलें लगाई जाने लगी हैं. वहीं, जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने बैठक कर केंद्र सरकार की ओर से मौजूदा स्थिति को लेकर चुप्पी बरतने पर विचार-विमर्श किया.

4 अगस्त की आधी रात

जम्मू-कश्मीर में 4 अगस्त को आधी रात नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और जम्मू कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन सहित कई नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया.

5 अगस्त

जम्मू-कश्मीर को लेकर किसी अहम फैसले की संभावना के बीच सोमवार सुबह 6 बजे से धारा 144 लागू करने का फैसला लिया गया है. जम्मू जिले की उपायुक्त सुषमा चौहान ने कहा है कि 5 अगस्त सुबह 6 बजे से धारा 144 लागू हो जाएगी जो अगले आदेश तक जारी रहेगी. धारा 144 लगने के बाद चार से अधिक व्यक्ति एक जगह एकत्रित नहीं हो सकते हैं. जम्मू में मोबाइल इंटरनेट बंद रखने का भी आदेश जारी किया गया है. वहीं, दिल्ली में मोदी सरकार सोमवार को कैबिनेट बैठक करने जा रही है और गृहमंत्री अमित शाह ने कानून मंत्री के साथ मुलाकात की है.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button