सोनिया-राहुल को मिलेगी राहत, नैशनल हेरल्ड केस बंद करने की तैयारी में ईडी?

edतहलका एक्सप्रेस, नई दिल्ली। नैशनल हेरल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत मिल सकती है। सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तकनीकी आधार इस केस को बंद करने का फैसला किया है। हालांकि अभी आधिकारिक रूप से इस बारे में कुछ नहीं किया गया है।

ईडी अगर यह केस बंद कर देती है, तो भी यह सोनिया और राहुल के लिए आंशिक राहत ही होगी। नैशनल हेरल्ड केस में कांग्रेस पर इनकम टैक्स का भी मामला चल रहा है। राजनीतिक पार्टी होने के बावजूद वह व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल होने और टैक्स छूट लेने के आरोप पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कांग्रेस को नोटिस भेज चुका है।

इस बीच बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईडी के अधिकारियों की शिकायत करते हुए इस मामले की जांच को भटकाने और जानबूझ कर देरी करने का आरोप लगाया है। स्वामी ने इस संबंध में मोदी को 11 अगस्त और 12 अगस्त को दो चिट्ठियां भी लिखीं। इनमें उन्होंने ईडी के चीफ रंजन कटोच और कुछ अधिकारियों पर सोनिया और राहुल को बचाने का गंभीर आरोप लगाया है।

जुलाई की शुरुआत में ही स्वामी ने ईडी से नैशनल हेरल्ड के मामले की जांच कराने की अपील की थी। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के डायरेक्टर को इस मामले से जुड़े दस्तावेज के साथ पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश की कॉपी भी सौंपी थी।

इसके बाद ईडी ने सोनिया और राहुल पर प्रारंभिक जांच का केस दर्ज किया। अगर जांच में फेमा के उल्लंघन की शिकायत सही पाई जाती है तो दोनों पर रेग्युलर केस दर्ज होगा। सोनिया गांधी इन आरोपों को बदले की कार्रवाई बता रही हैं।

स्वामी का आरोप है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस ने यंग इंडियन नाम से कंपनी बनाकर फर्जीवाड़े के जरिए नैशनल हेरल्ड अखबार का स्वामित्व रखने वाली कंपनी द असोसिएट जर्नल्स लिमिटेड की संपत्ति पर कब्जा कर लिया है। पटियाला हाउस कोर्ट ने इन चारों के अलावा यंग इंडियन के दो अन्य डायरेक्टरों पूर्व पत्राकर सुमन दुबे और टेक्नोक्रैट सैम पित्रोदा को भी समन जारी कर चुकी है।

क्या है मामला?
द असोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (टीएजेएल) नैशनल हेरल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है। कांग्रेस ने 26 फरवरी, 2011 को टीएजेएल की 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया। यानी टीएजेएल को 90 करोड़ का लोन दे दिया। इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है। शेष 24% हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास है।

इसके बाद टीएजेएल के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर यंग इंडियन को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को टीएजेएल के 99% शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया। यानी यंग इंडियन को मुफ्त में टीएजेएल का स्वामित्व मिल गया। स्वामी ने इस 90 करोड़ रुपये के प्रकरण में हवाला कारोबार का शक जताया है।

स्वामी का यह भी आरोप है कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेरल्ड हाउस की 1,600 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया। उनका आरोप है कि साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को टीजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है। हेरल्ड हाउस को फिलहाल पासपोर्ट ऑफिस के लिए किराये पर दिया गया है। स्वामी का कहना है कि हेरल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

 

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