सोशल मीडिया कैंपेन वॉर: कांग्रेस के पी.के. को जवाब देंगी समाजवादी पार्टी की पीपी

pankhudi-pathakलखनऊ। कांग्रेस ने अगर पीके (प्रशांत किशोर) को 2017 चुनाव के लिए सोशल मीडिया का प्रभारी बनाया है तो वहीं सपा ने पीपी (पंखुड़ी पाठक) को ये जिम्मेदारी सौंप दी है। समाजवादी पार्टी की नवनियुक्त प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने अखिलेश सरकार के कामों के प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया कैंपन शुरू कर दिया है। पहले उन्होंने इस अभियान की शुरुआत सिर्फ नोएडा से ही करने की योजना बनाई थी, लेकिन जब यूपी के कई शहरों के लोग इस कैंपने से जुड़ने लगे तो पहले जोन वाइज सोशल मीडिया इंचार्ज बनाए गए और अब जिले स्तर पर यह कैंपने चलाने की तैयारी चल रही है।

क्या है कैंपेन ?
मंडलवार और जिलावार ऐसे व्हॉट्सएप ग्रुप बनाए जा रहे हैं, जिसमें युवाओं को जोड़ा जा सके। इसके जरिए अखिलेश सरकार की योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा। कैंपेन में युवा वॉलंटियर के तौर पर भी काम करेंगे और सरकार के काम के बारे में लोगों को बताएंगे।

क्या है ‘पीपी’ का प्लान ?
पंखुड़ी पाठक ने बताया कि यह कैंपेन उन्होंने पर्सनल लेवल पर शुरू किया है। सीएम के टि्वटर ग्रुप से शेयर करके योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि लगभग एक हफ्ते पहले ही उन्होंने इसकी शुरुआत कर दी है।

25 से 30 वर्ष के युवाओं को जोड़ने पर फोकस
पंखुड़ी ने बताया कि प्रदेश में ऐसे बहुत से युवा हैं जो सीएम अखिलेश यादव को सपोर्ट करना चाहते हैं। इसमें प्रोफेशनल लोग, स्टूडेंट्स और प्रोफेसर भी शामिल हैं। अब सोशल मीडिया के जरिए वह अपनी भावना जाहिर कर सकेंगे और अखिलेश सरकार के काम काज का प्रचार कर सकेंगे। पाठक का कहना है कि इस ग्रुप में 25 से 30 वर्ष के युवाओं को जोड़ने पर फोकस है।

जिलावार बनाए जा रहें व्हॉट्सएप ग्रुप
पंखुड़ी ने बताया कि पहले जोन वाइज व्हॉट्सएप ग्रुप बनाए गए, जिसका रिस्पॉन्स काफी अच्छा आया। इसको देखते हुए अब जिला वाइज व्हाटसएप ग्रुप बनाए जा रहे हैं। अब तक लगभग 25 से 30 जिलों में ऐसे ग्रुप भी जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस ग्रुप में वर्किंग और प्रोफेशनल लोग खुद आ रहे हैं। पहले यह कैंपेन सिर्फ नोएडा में शुरू करने की योजना थी। फिर ऐसा रिस्पॉन्स मिला कि सारे जिलों से बनाने शुरू कर दिए।

क्यों जरूरी है सोशल मीडिया कैंपेन
जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में यूपी में युवाओं की काफी तादाद है और चुनावों में काफी हद तक यह राजनीतिक दलों का भविष्य तय करते हैं। सूचना तकनीकी के इस दौर में सोशल मीडिया ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसके जरिए युवाओं तक अपनी बात आसानी से पहुंचाई जा सकती है। राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर पहचाने जाने वाले प्रशांत किशोर “पीके” ने भी पहले भाजपा और फिर बिहार की नीतिश सरकार को सत्ता में लाने के इसका सहारा लिया था और अब पंखुड़ी भी इसी रास्ते पर चल पड़ी हैं।

कौन हैं पंखुड़ी पाठक ?
-दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर चुकी पंखुडी पाठक सपा की प्रवक्ता हैं।
-उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत लगभग 6 साल पहले हुई थी।
-पंखुडी के पिता का नाम जेसी पाठक और मां का नाम आरती पाठक है।
-दोनो लोग डॉक्टर हैं और निजी प्रैक्टिस करते हैं।
-उनका एक छोटा भाई चिराग पाठक है।
-पंखुड़ी वर्ष 2010 में हंसराज कॉलेज के छात्र संघ चुनाव में ज्वॉइंट सेक्रेटरी बनीं।
-पंखुड़ी सपा की छात्रसभा से भी जुड़ी रही हैं।
-उन्होंने पार्टी की तरफ से प्रत्याशि‍यों को छात्रसंघ का चुनाव भी लड़ाया।
-सपा ने उन्हें 2013 में लोहि‍या वाहि‍नी का नेशनल सेक्रेटरी बनाया।

 

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