स्कोलियोसिस बीमारी के बावजूद इरा सिंघल ने UPSC परीक्षा में किया टॉप

तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च सेवा यूपीएससी परीक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली रेणु राज बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें यह विश्वास था कि वह सफल होंगीं। लेकिन जब उन्हें पता चला कि परीक्षा में उन्हें दूसरा स्थान मिला है तो उनके आश्चर्य का ठिकाना न रहा। इससे पहले लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित की गई 2014 की सिविल सेवा परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया गया है। इस परीक्षा में 5 टॉपरों में से 4 लड़कियां है। इरा सिंघल इस परीक्षा में पहले, रेणु राज दूसरे, निधि गुप्ता तीसरे औऱ वंदना राव चौथे स्थान पर आई हैं। लड़कों में सुहर्ष भगत पांचवे स्थान पर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफल प्रत्याशियों को बधाई दी । इरा सिंघल ने कहा कि इस बात से वह बहुत खुश हैं कि विक्लांग होने के बावजूद सामान्य वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

ऐसा पहली बार हो रहा है कि आयोग ने व्यक्तित्व परीक्षणों या साक्षात्कारों के संपन्न होने के महज चार दिन के भीतर ही अंतिम परिणाम की घोषणा कर दी है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों – प्रारंभिक, मुख्य एवं साक्षात्कार – में संपन्न होती है। इस प्रतिष्ठित परीक्षा के जरिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित कई अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है।देश भर के 59 केंद्रों में 2,137 स्थानों पर पिछले साल 24 अगस्त को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी । करीब 9.45 लाख अभ्यर्थियों ने इसके लिए आवेदन किया था पर करीब 4.51 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। इनमें से 16,933 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया था। मुख्य परीक्षा का आयोजन पिछले साल दिसंबर में किया गया था जिसमें 16,933 में से 16,286 अभ्यर्थी ही शामिल हुए। सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के नतीजे इस साल 13 मार्च को घोषित किए गए थे। 3,308 लोगों को साक्षात्कार में शामिल होने के योग्य घोषित किया गया। इनमें से 3,303 अभ्यर्थी साक्षात्कार में शामिल हुए। साक्षात्कार का आयोजन 27 अप्रैल से 30 जून तक हुआ। अधिकारी ने बताया कि इस बार सिविल सेवा परीक्षा के जरिए कुल 1,364 पद भरे जाने हैं।

आईएएस टॉपर गर्ल्स ने बताया कामयाबी का राज़

सिविल सेवा परीक्षा की टॉपर गर्ल्स ने अपनी कामयाबी की कहानियां बयां की हैं। देश की इस सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में दिल्ली की इरा सिंघल ने पहला, केरल की रेणु राज ने दूसरा और दिल्ली की ही निधि गुप्ता ने तीसरा स्थान हासिल किया है।
इरा ने बताया कि वह 2010 से ही इस परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। इरा के मुताबिक इन नतीजों से लोगों का लड़कियों और हैंडिकैप्ड लोगों के प्रति नजरिया बदलेगा। इरा ने कहा, ‘मैं आईएएस अधिकारी बनना चाहती थी। मैं शारीरिक रूप से निशक्त लोगों के लिए कुछ करना चाहती हूं।’

 इरा सिंघल
वहीं परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने वाली केरल की रहने वाली पेशे से डॉक्टर रेणु राज (27) ने कभी सोचा भी नहीं था कि इतनी बड़ी सफलता उनके कदम चूमेगी। परिणाम घोषित होने के बाद खुशी से फूले न समाते हुए उन्होंने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों से कहा कि दृढ़ता सफलता दिलाती है।
कोल्लम के एक ईएसआई अस्पताल में डॉक्टर राज ने कहा, ‘यह मेरा पहला प्रयास था। पिछली रात से ही मैं तनावग्रस्त थी। मैंने अपने माता-पिता को नहीं बताया था कि आज दोपहर मेरा परीक्षा परिणाम आने वाला है।’उन्होंने कहा, ‘परीक्षा परिणाम जानने के लिए वेबसाइट खोलते समय मेरा तनाव चरम पर था। मैं वेबसाइट पर अपना परिणाम देख पाती इससे पहले ही मेरा फोन घनघनाना शुरू हो गया और मेरे दोस्त और चाहने वालों में मुझे बताया कि मैंने देश भर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।’राज कोट्टायम जिले के चंगनाचेरी जिले की रहने वाली हैं। पिछले एक साल से वह दिल्ली में कोचिंग ले रही थीं, जिसके कारण वह और उनके माता-पिता दिल्ली में ही रह रहे थे।


रेणु राज

उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास नहीं था कि मैं पहले ही प्रयास में सफल हो जाऊंगी। मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने प्रियजनों को देती हूं, जिन्होंने हर घड़ी मेरा साथ दिया।’
राज ने कहा, ‘परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों से मैं कहना चाहती हूं कि दृढ़ता अपने आप में इनाम है।’ गर्व से फूले नहीं समा रहे उनके पिता ने कहा कि राज की सफलता गरीबों तथा दबे-कुचलों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि वह इस बात से आश्वस्त हैं कि उनकी बेटी समाज के सबसे कमजोर तबके के लोगों की मदद करेगी। उन्होंने कहा, ‘एक डॉक्टर होने के नाते वह 50 या 100 मरीजों की मदद कर सकती थी, लेकिन एक सिविल सेवा अधिकारी के नाते उसके एक फैसले से हजारों लोगों को लाभ मिलेगा।’ राज के पति भी डॉक्टरी पेशे से ही जुड़े हैं। उल्लेखनीय है कि साल 2013 में इसी शहर की एक इंजिनियर हरिथा वी.कुमार ने इस परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।


निधि गुप्ता

वहीं इस परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल करने वाली निधि ने कहा कि यह उनके लिए एक गर्व का पल है। वर्तमान में सहायक सीमा शुल्क एवं केंद्रीय आबकारी आयुक्त के तौर पर काम कर रहीं निधि ने कहा, ‘यह सच में एक गर्व का पल है। मैंने कड़ी मेहनत की और आखिरकार उसका फल मिला।’ निधि ने कहा कि टॉप थ्री में आने से वह खुश हैं, लेकिन असली खुशी तब मिलेगी जब मैं फील्ड में उतरूंगी।
 

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