हर नागरिक की जेब से जाएंगे 11 हजार रुपये, तब एक्सीडेंट प्रूफ होगी रेलवे

नई दिल्ली। देश में रेल हादसे थमने के नाम नहीं ले रहे हैं. उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में गुरुवार सुबह एक और रेल हादसा हुआ है. इस तरह लगातार रेल हादसे बढ़ते जा रहे हैं. जबकि पिछले दिनों रेल मंत्री भी बदल दिए गए हैं. सुरेश प्रभु की जगह पीयूष गोयल को रेलमंत्री बनाया गया है. इसके बावजूद रेल हादसे नहीं रुके हैं. ऐसे में रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर  लगातार सवाल उठ रहे हैं और मोदी सरकार दवाब में है.

दरअसल रेल मंत्रालय ने अपने 5 साल के एजेंडा के तहत रेलवे को मजबूत करने के लिए इन-इन कामों के लिए इतने-इतने पैसों की उम्मीद लगा रखी है. चालू वित्त वर्ष से रेल बजट वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी बन चुकी है. इसके बावजूद आए दिन हो रहे रेल हादसे हो रहे हैं और यात्री सुविधा की जर्जर हालत और नेटवर्क विस्तार करने में असफलता का ठीकरा रेलवे मंत्रालय के सिर ही फूटना है. देश में रेल हादसे थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. 23 अगस्त को जब उत्तर प्रदेश में कैफियत एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए थे तो दबाव में आकर रेल मंत्री को अपना इस्तीफा बढ़ाना पड़ा. वहीं इसी हफ्ते 19 अगस्त को मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस का एक्सीडेंट हुआ और 24 लोगों की मौत हो गई थी.

 अगस्त में ही महाराष्ट्र में नागपुर-मुंबई दुरंतो एक्सप्रेस के 7 डिब्बे पटरी ले उतर गए. ऐसे में रेल मंत्रालय के ऊपर इस्तीफे की दोबारा पेशकश करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. लेकिन क्या इससे भारतीय रेल की स्थिति सुधर जाएगी. नैतिकता का हवाला देकर रेल को नया मंत्री मिल जाएगा, और नया रेल मंत्री भी रेल मंत्रालय के इस एक्शन प्लान के जरिए रेल की स्थिति को दुरुस्त करने की कोशिश करेगा.

बीते 2 वर्षों के दौरान रेल मंत्रालय ने रेलवे को मॉडर्न करने के साथ-साथ सुरक्षा मानदंड को बढ़ाते हुए उसे मुनाफे के ट्रैक पर डालने का विस्तृत एक्शन प्लान तैयार किया है. इस एक्शन प्लान के तहत रेल मंत्रालय को अलग-अलग कामों के लिए 8,56,020 करोड़ रुपये की जरूरत है. यह राशि रेल मंत्रालय को अगले 5 साल के दौरान चाहिए जिससे वह एक मॉडर्न, सुरक्षित और मुनाफे की रेल बनने के लक्ष्य को पूरा कर सके. रेल मंत्रालय का यह एक्शन प्लान अगले 5 साल के लिए है. सही समय पर वित्त मंत्रालय से पैसा मिलने (बजट) की स्थिति में वह 2022 तक रेलवे की स्थिति में बड़े बदलाव करने में सफल होगा.

लेकिन रेलवे सिर्फ परियोजनाओं के लिए ही बजट की मोहताज नहीं है. रेलवे के संचालन में यात्री किराए से होने वाला घाटा (लगभग 34,000 करोड़ रुपये), 7वें वेतन आयोग से कर्मचारियों की सैलरी का अतिरिक्त भार (30,000 करोड़ रुपये) और मौजूदा समय में चल रहे प्रोजेक्ट्स के लिए 4.83 लाख करोड़ रुपये उसे वित्त मंत्रालय से चाहिए. इन आंकड़ों को रेलवे के पंच वर्षीय एक्शन प्लान के आंकड़ों से जोड़ने पर मंत्रालय को अपने जीर्णोद्धार के लिए कुल 14,03,020 करोड़ रुपये की जरूरत है.

रेलवे एक्शन प्लान के मुताबिक उसे अगले 5 साल तक इन कामों के लिए चाहिए लाखों करोड़ रुपये-

नेटवर्क डीकंजेशन (इलेक्ट्रिफिकेशन, डबल ट्रैक बिछाने, इत्यादि): 1,99,320 करोड़

नेटवर्क विस्तार (इलेक्ट्रिफिकेशन शामिल है): 1,93,000 करोड़

सुरक्षा के लिए (ट्रैक रिन्यूवल और ब्रिज निर्माण): 1,27,000 करोड़

लोकोमोटिव, कोच और वैगन (प्रोडक्शन और मेंटेनेंस): 1,02,000 करोड़

रेलवे स्टेशन विकसित करने और लॉजिस्टिक पार्क : 1,00,000 करोड़

हाई स्पीड रेल और एलीवेटेड कॉरिडोर : 65,000 करोड़

नॉर्थ ईस्ट और जम्मू-कश्मीर तक रेलवे कनेक्टिविटी: 39,000 करोड़

पैसेंजर सुविधा, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और अन्य : 30,700 करोड़

आपकी जेब से क्या जाएगा?

रेलवे मंत्रालय की इस जरूरत और भारतीय रेल को मॉडर्न बनाने के साथ उसकी दैनिक जरूरतों के लिए 14 लाख करोड़ रुपये का इंतजाम वित्त मंत्रालय को अगले 5 साल तक करना है. इस पैसे का इंतजाम करने के लिए वित्त मंत्रालय को अगले 5 केन्द्रीय बजटों के जरिए धन एकत्र करना होगा. इसके लिए वह आम आदमी के ऊपर टैक्स अथवा सेस का बोझ भी डाल सकता है और नए कर का बोझ नहीं भी डालता है तो यह राशि टैक्स पेयर की जेब से ही निकलेगी.

लिहाजा जानिए इन स्थितियों में आपकी जेब से कितना जाएगा:

1. 14,03,020 करोड़ रुपये की राशि यदि देश की कुल जनसंख्या (130 करोड़) से डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स के जरिए वसूला जाता है तो देश के प्रति नागरिक को रेलवे सुधार के लिए 10,792 रुपये देने होंगे.

2. 14,03,020 करोड़ रुपये की राशि यदि देश में कुल टैक्स पेयर से वसूला जाता है तो प्रति टैक्सपेयर (लगभग 5 करोड़) 2 लाख 80 हजार रुपये देय है.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button