10वीं ड्रॉप आउट थे करुणानिधि, फिल्मी कहानियों से बदल दी तमिल राजनीति

नई दिल्ली। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करूणानिधि का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है. पिछले कुछ दिनों से वे बीमार थे और चेन्नई के कावेरी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. वे दक्षिण की राजनीति के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे. करुणानिधि ने द्रविण राजनीति के प्रचार-प्रसार के लिए फिल्म और नाटकों का भी सहारा लिया.

रिपोर्ट्स के मुताबिक वे 14 साल की उम्र से राजनीति में थे. करुणानिधि तमिलनाडु में द्रविण राजनीति से प्रभावित थे. उन्होंने कई नाटक और फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी.

इसके अलावा उन्होंने साउथ सिनेमा को कई सफल एक्टर भी दिए. तमिल सिनेमा के बेहतरीन कलाकारों में शुमार शिवाजी गणेशन और एस एस राजेंद्रन उन कलाकारों में हैं जिन्हें करुणानिधि ने ही लॉन्च किया था. खुद करुणानिधि 10वीं ड्रॉप आउट थे. उन्होंने अपनी कलम की धार से पूरी दक्षिण की राजनीति का समीकरण बदल दिया.

राजनीति में सफल करियर के साथ वो राइटिंग में भी काफी सक्रिय थे. मगर उनकी राह इतनी आसान नहीं रही. जैसे-जैसे उनकी फिल्में और प्ले पॉपुलर होने लगे वैसे-वैसे उन्हें सेंसरशिप का भी सामना करना पड़ा. 1950 के दशक में उनके दो प्ले बैन कर दिए गए थे.

करुणानिधि की पराशक्ति तमिल की महत्वपूर्ण फिल्म थी. इसकी कहानी करुणानिधि ने लिखी थी. राजनीतिक विवादों की वजह से इसे बैन कर दिया गया था. पटकथा लेखक के तौर पर करूणानिधि ने जो दूसरी महत्वपूर्ण तमिल फिल्में लिखीं उनमें नल्ला थाम्बी (1949) वेल्लईकरी (1949), राजकुमारी (1947) और मंथिरी कुमारी (1950) जैसी फिल्में शामिल हैं.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button