1993 मुंबई ब्‍लास्‍ट केस : टाडा कोर्ट से अबु सलेम दोषी करार, नहीं हो सकती है फांसी……

मुंबई। 1993 के मुंबई बम धमाकों के मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम समेत सात आरोपियों पर विशेष टाडा अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। स्पेशल जज गोविंद ए सनप की अदालत ने यह फैसला सुनाया। अबू सलेम को कई धाराओं में दोषी करार दिया गया है।

अबू सलेम पर आरोप है कि उसने बम कांड को अंजाम देने के लिए हथियारों का कंसाइनमेंट रिसीव करके ठिकाने तक पहुंचाया। सलेम के अलावा मुस्तफा डोसा को दोषी करार दिया है। डोसा पर मर्डर केस, एक्सप्लोसिव ऐक्ट, आपराधिक साजिश, आतंकी गतिविधि के मामले साबित हुए हैं। डोसा को दाऊद का नजदीकी माना जाता है।

गैंगस्टर अबु सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था. पुर्तगाल से प्रत्यर्पण संधि होने के कारण कोर्ट सलेम को फांसी या आजीवन कारावास की सजा नहीं दे सकती है. उसे अधिकतम 25 साल तक की सजा दी जा सकती है. इसलिए अभी फांसी की सजा पर सवालिया निशान लगा है.

उसका भाई मोहम्मद डोसा फिलहाल फरार चल रहा है। सलेम और डोसा के अलावा करीमुल्ला खान, ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान को भी दोषी करार दिया गया है। फिरोज को साजिश, मर्डर की धाराओं के अलावा एक्सप्लोसिव ऐक्ट में दोषी करार दिया गया है।

कोर्ट ने शुरुआती टिप्पणी में कहा कि अभियोजन मामले को साबित करने में कामयाब रहा है। मुंबई धमाकों के मामलों में अदालत ने आरोपियों के दूसरे बैच पर यह फैसला दिया है। इससे पहले, धमाकों के केस में शुरुआती 123 आरोपियों का ट्रायल 2006 में खत्म हुआ था, जिसमें 100 को सजा सुनाई गई थी। सजा पाने वालों में अभिनेता अभिनेता संजय दत्त भी शामिल थे। अबू सलेम ने माना था कि उसने संजय दत्त को हथियार दिए थे।

क्या है मामला
24 साल पहले 12 मार्च 1993 को मुंबई 12 सिलसिलेवार धमाकों से दहल उठी थी। इसमें 257 लोग मारे गए थे, जबकि 713 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। सीबीआई के मुताबिक, मुंबई धमाके 6 दिसंबर 1992 को हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए दंगों का बदला लेने के लिए किए गए थे।

सीबीआई ने कोर्ट को यह भी बताया कि ये धमाके दुनिया का पहला ऐसा आतंकी हमला था, जहां दूसरे विश्वयुद्ध के बाद इतने बड़े पैमाने पर आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया। शुक्रवार को अदालत ने जो फैसला सुनवाया, उस मामले की 2011 में सुनवाई शुरू हुई थी। पूरी सुनवाई इस साल मार्च में खत्म हुई थी। धमाकों के मामले में यह फैसला आखिरी है क्योंकि अब कोई भी आरोपी कस्टडी में नहीं है।

33 आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनमें मुख्य साजिशकर्ता दाऊद इब्राहिम, उसका भाई अनीस इब्राहिम, मुस्तफा डोसा का भाई मोहम्मद डोसा और टाइगर मेमन शामिल हैं। सलेम को नवंबर 2005 में पुर्तगाल से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। उसके इकबालिया बयान के आधार पर ही सिद्दीकी और शेख की गिरफ्तारी हुई थी।

नीचे ग्राफिक से समझें पूरा मामला

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button