बाराबंकी : जलनिकासी के लिए साढ़े 3 करोड़ से बनेगा नाला, शहर के कई इलाकों को मिलेगी जलभराव से निजात
बरसात के साथ-साथ सालभर जलभराव से जूझने वाले मोहारीपुरवा इलाका समेत पटेलनगर, सतोखर तालाब होते हुए जमुरिया तक साढ़े तीन करोड़ की लागत से नाला बनेगा।
बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) I बरसात के साथ-साथ सालभर जलभराव से जूझने वाले मोहारीपुरवा इलाका समेत पटेलनगर, सतोखर तालाब होते हुए जमुरिया तक साढ़े तीन करोड़ की लागत से नाला बनेगा। इसकी धनराशि आज विभाग को अवमुक्त कर दी गई है। जल्द ही निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।
मूसलाधार बारिश के कारण नालों का गंदा पानी सड़कों पर बहता था
शहर के दशहराबाग़ मोहल्ले में नालियों के पानी का निकास नहीं हो रहा था तथा बाराबंकी हैदरगढ़ रोड तक पहुचंते-पहुँचते ऊंचाई काफी बढ़ जाने के कारण नाले की गहराई लगभग तीन मीटर हो जाती जिससे नाले की सफाई के कार्य में भी काफी समस्या थी। मूसलाधार बारिश के कारण नालों का गंदा पानी सड़कों पर बहता था।
जल्द ही नाले का निर्माण शुरू हो जाएगा
कोरोना संकट काल मे सांसद उपेन्द्र सिंह रावत ने ये समस्या सीएम के सामने रखी थी। इसके अलावा उपजिलाधिकारी नवाबगंज और अधिकारियों के साथ प्रस्तावित नाले के मैप के अनुसार निरीक्षण किया था। सीएम के संज्ञान लेने के बाद आज नाले के निर्माण हेतु 355.44 लाख रुपए की धनराशि विभाग को अवमुक्त कर दी गयी है, जल्द ही नाले का निर्माण शुरू हो जाएगा।
दशहरा बाग़ के तालाब के पास ही शम्पवेल बनाकर उसमे 35 हार्स पॉवर के 3 जेट पम्प लगाये जायेंगे। जिसके माध्यम से पानी को निकाला जायेगा। उक्त शम्पवेल और नाले में मोहल्ले की सभी नालियों को मिलाया जायेगा। जिससे किसी भी मोहल्ले में जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो।
सांसद की मेहनत लाई रंग, बाराबंकी के कई मोहल्लों को मिली सौगात
बाराबंकी सांसद उपेन्द्र सिंह रावत के अथक प्रयासों व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर मोहारीपुरवा से पटेलनगर, सतोखर तालाब होते हुए जमुरिया नाले तक का नाला पास हुआ ।
इस नाले में दशहराबाग़ मोहल्ले में नालियों के पानी का निकास का नही हो रहा था तथा बाराबंकी हैदरगढ़ रोड तक पहुचंते -पहुँचते ऊंचाई काफी बढ़ जाने के कारण नाले की गहराई लगभग तीन मीटर हो जाती जिससे नाले की सफाई के कार्य में भी काफी समस्यायें हो रही थी तथा पानी का निकास सही ढंग से नही हो पाता जिससे मूसलाधार बारिश के कारण नालों का गंदा पानी सड़को पर बहता था और गंभीर बीमारियों की आशंका बनी रहती थी।
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जिसको देखते हुए कोरोना महामारी (लॉक डाउन) के समय में भी सांसद उपेन्द्र सिंह रावत कोरोना ग्रसित होते हुए भी अपने निजी निवास से लैपटॉप के माध्यम से बैठक में मुख्यमंत्री से इन मुद्दों पर जिक्र किया था तथा अयोध्या कमिश्नर को तुरन्त मुख्यमंत्री ने आदेश दिए थे जिसके फलस्वरूप यह है कि इस नाले को पास कर दिया गया था जिससे तमाम लोगों इसका फायदा भी मिलेगा।
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