38 करोड़ के फर्जी डिमांड ड्राफ्ट बनाने पर मिला 13 करोड़ कमीशन, दिल्ली में कोटक महिंद्रा का ब्रांच मैनेजर अरेस्ट

kotak01नई दिल्ली। कोटक महिंद्रा बैंक के ब्रांच मैनेजर को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में यहां ईडी ने बुधवार को गिरफ्तार किया। आरोप है कि उसने कालाधन सफेद करने के लिए फर्जी नामों पर 38 करोड़ के डीडी बनाए। बदले में उसे 13 करोड़ कमीशन मिला। ईडी का कहना है कि पूछताछ में दिल्ली के लॉ फर्म मालिक रोहित टंडन ने मैनेजर को 51 करोड़ रुपए देने की बात कबूली है। बैंक ने मैनेजर को सस्पेंड कर दिया है।
दो आरोपी पहले भी अरेस्ट हुए
ईडी सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि नोटबंदी के बाद केजी मार्ग स्थित ब्रांच के 9 फर्जी खातों में 34 करोड़ जमा होने का खुलासा हुआ। एक हफ्ते पहले मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हुई। बैंक में करोड़ों की गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद यह ब्रांच ईडी, इनकम टैक्स और दिल्ली पुलिस की रडार पर थी। 23 दिसंबर को आईटी टीम जांच के लिए बैंक गई थी। इसी बीच ईडी को लॉ फर्म मालिक से मैनेजर आशीष कुमार के खिलाफ अहम सुराग हाथ लगे और मंगलवार रात टीम ने मैनेजर से घंटों तक पूछताछ की। ईडी की सिफारिश के बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर लिया। साकेत कोर्ट ने बुधवार को आरोपी को 5 दिन के लिए ईडी की रिमांड पर भेजा है।
कालेधन के लिए मैनेजर का प्लान?
ईडी सूत्रों ने बताया कि पूछताछ में दिल्ली की टीएंडटी लॉ फर्म के मालिक रोहित टंडन ने मैनेजर को 51 करोड़ रुपए देने का खुलासा किया है। पता चला है कि आशीष ने इस रकम को सफेद करने के लिए फर्जी नामों पर 38 करोड़ के डीडी बनाए। जिन्हें अब इनकम टैक्स ने कैंसल कर दिया है। फर्जीवाड़े के लिए आशीष को 13 करोड़ रुपए कमीशन मिला। इसके दो करोड़ का उसने डीडी बनाकर रख लिया था, जो ईडी ने जब्त कर लिया है। सूत्रों की मानें तो कुल 40 करोड़ रुपए के इन डीडी को 30 दिसंबर के बाद कैंसल कराया जाना था। इस तरह कालाधन सफेद करने की साजिश रची गई।
कोटक महिंद्रा बैंक ने क्या कहा?
कोटक ने आरोपी मैनेजर को सस्पेंड कर दिया है। स्पोक्सपर्सन रोहित राव ने कहा, ”नियमों का पालन नहीं करने वाले इम्पलाई के साथ बैंक सख्ती से पेश आता है। बैंक में सभी खाते नियमों के मुताबिक खोले जाते हैं। कोई भी खाता फर्जी नहीं है। साथ ही बैंक एजेंसियों को जांच में पूरा सहयोग कर रहा है।
एक्सिस के मैनेजर भी हुए अरेस्ट
बता दें कि नोटबंदी के बाद बैंकों में कालाधन जमा करवाने के आरोप में दिल्ली पुलिस और ईडी ने दिल्ली के एक्सिस बैंक के 4 मैनेजरों को अरेस्ट किया था। एक्सिस बैंक की चांदनी चौक ब्रांच में 30 से अधिक फर्जी खाते होने का खुलासा हुआ था, जिनमें करोड़ों की रकम जमा कराई गई थी।
छापेमारी में दिल्ली की लॉ फर्म से मिले थे 13.5 करोड़ रुपए
नोटबंदी के बाद दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित रोहित टंडन के ऑफिस से छापेमारी के दौरान क्राइम ब्रांच ने 13.5 करोड़ कैश जब्त किया था। पुराने और नए नोटों के बंडल अलमारी और बोरों में ठूंस-ठूंस कर रखे गए थे। ईडी और इनकम टैक्स ने रोहित के खिलाफ केस दर्ज किया था। जांच एजेंसियों को शक था कि वह कमीशन पर लोगों से पैसा लेकर नई करेंसी दे रहा था। हाई प्रोफाइल लोगों से उसकी जान-पहचान है। पुलिस को 3 करोड़ 100 रुपए के नोट में, 7 करोड़ 1000 के नोट में, 2.60 करोड़ 2000 के नोट में और बाकी रकम 50 रुपए और दूसरे नोटों में मिली। बता दें कि वकील रोहित ने दो महीने पहले ही छापेमारी के दौरान 125 Cr बेहिसाब इनकम का खुलासा किया था।
 

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