4 देशों के दौरे पर गए मोदी जर्मनी पहुंचे, 6 दिन में 20 प्रोग्राम्स में शामिल होंगे

नई दिल्ली। चार देशों के 6 दिन के दौरे के गए नरेंद्र मोदी सोमवार शाम जर्मनी पहुंचे। वो मंगलवार को भी यहीं रहेंगे। इसके बाद स्पेन, रूस और फ्रांस जाएंगे। कूटनीतिक और आर्थिक तौर पर यह दौरा काफी अहम साबित होने की उम्मीद है। इकोनॉमिक, डिफेंस, साइंस, इन्फॉर्मेशन-टेक्नोलॉजी और न्यूक्लियर एनर्जी एजेंडे में शामिल होगी। मोदी इन देशों के बिजनेस लीडर्स को ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के तहत भारत में कारोबार करने के लिए इनवाइट भी करेंगे। इस दौरान वे 20 से ज्यादा प्रोग्राम में शामिल होंगे।
मोदी 29 और 30 को जर्मनी में रहेंगे। यहां से स्पेन जाएंगे। 1 और 2 जून को रूस में रहेंगे। 2 की रात में फ्रांस पहुंचेंगे। मोदी फ्रांस के नए राष्ट्रपति मैक्रों के पहले गेस्ट होंगे। इस सफर के बाद मोदी कजाखिस्तान में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की मीटिंग में शामिल होंगे। यहां वे चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग से मिलेंगे। मोदी 26 से 28 जून तक अमेरिकी दौरे पर होंगे। मोदी और ट्रम्प पहली बार मिलेंगे। मोदी जुलाई में इजरायल जाएंगे। यह किसी भारतीय पीएम की पहली इजरायल विजिट होगी।
1 ) जर्मनी: सैन्य समझौते हो सकते हैं, टॉप बिजनेसमैन को भारत लाने की कोशिश
मोदी का दूसरा जर्मनी दौरा है। 29 मई को मोदी के दौरे की शुरुआत बर्लिन के पास मेसेबर्ग से होगी। 30 मई को यहां वे जर्मन चांसलर एंंजेला मर्केल के साथ मीटिंग करेंगे। यह बातचीत चौथे इंडिया-जर्मनी इंटर-गवर्नमेंटल कॉन्सुलेशन्स (आईसीजी) के तहत होगी। इसके बाद दोनों नेता भारत- जर्मनी के बिजनेस लीडर्स से मिलेंगे। मोदी बाद में जर्मनी के प्रेसिडेंट डॉ. फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर से मुलाकात करेंगे। 30 मई की रात में पीएम स्पेन रवाना होंगे। भारत में जर्मनी की 1600 कंपनियां हैं। इनमेंं 600 ज्वाइंट वेंचर हैं। यहां डिफेंस और सोलर एनर्जी से जुड़े कई बड़े समझौते हो सकते हैं। मोदी की कोशिश मेक इन इंडिया के तहत कई बड़ी कंपनियों को भारत लाने की होगी।जर्मनी भारत में सातवां सबसे बड़ा इन्वेस्टर है। अप्रैल 2000 से मार्च 2017 तक 9.69 अरब डॉलर का इन्वेस्टमेंट हो चुका है। 2016 में 19.48 अरब डॉलर का कारोबार हुआ।
2) स्पेन: इन्फ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और रेलवे पर फोकस
करीब तीन दशकों में किसी भारतीय पीएम की यह पहली स्पेन विजिट है। 31 मई को इस विजिट के दौरान वह स्पेन के किंग फिलिप VI से मिलेंगे। इसी दिन प्रेसिडेंट मारियानो राजॉय से मिलेंगे। इसके बाद मोदी स्पेन के टॉप सीईओ से मिलेंगे।
इन्फ्रास्ट्रक्चरऔर एनर्जी सेक्टर पर बातचीत हो सकती है। रेलवे के साथ कारोबार करने की इच्छुक स्पेन की हल्के कोच बनाने वाली कंपनी टेल्गो के अफसर भी मोदी से मिलेंगे। अभी 200 स्पेनिश कंपनियां भारत में है। अप्रैल 2000 से 2016 तक 2.32 अरब डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया है। 2016 में कारोबार 5.22 अरब डॉलर का रहा।
3) रूस: चीन के वन रोड-वन बेल्ट का मुद्दा उठाएंगे मोदी
मोदी रूस में 31 से 2 जून तक रहेंगे। दौरे की शुरुआत में मोदी पिस्कारोवस्कोए सिमिट्री जाएंगे, जहां वे लेनिनग्राद संघर्ष में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देंगे। यहां वे प्रेसिडेंट पुतिन के साथ सेंट पीटर्सबर्ग में 18th भारत-रूस एनुअल मीटिंग में हिस्सा लेंगे। 2 जून को यहां मोदी इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में भी हिस्सा लेंगे। इसमें 1 हजार ग्लोबल इन्वेस्टर्स शामिल होंगे।
इसके बाद मोदी को गेस्ट ऑफ ऑनर से नवाजा जाएगा।फॉरेन इन्वेस्टमेंट, डिफेंस और न्यूक्लियर प्लान्ट होगा। कई बड़े डिफेंस समझौते हो सकते हैं। रूस की कोशिश कुडनकुलम न्यूक्लियर प्रोजेक्ट के पांचवें और छठवें प्लान्ट को बनाने का करार करना है। वहीं, भारत चीन के प्रोजेक्ट वन रोड-वन बेल्ट (OBOR) के मुद्दे को उठा सकता है। रूस में भी इसका विरोध हो रहा है। रूस में भारत का 13 अरब डॉलर और भारत में रूस का 16 अरब डॉलर का इन्वेस्टमेंट है। 2016 में दोनों देशों के बीच 7.71 अरब डॉलर कारोबार हुआ। दिसंबर 2014 में दोनों देशों के प्रमुखों ने 2025 तक कारोबार को 30 अरब डॉलर करने का टारगेट रखा है।
4) फ्रांस: भारत और ईयू के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर होगी बात
2 जून को मोदी यात्रा के आखिरी पड़ाव के लिए फ्रांस रवाना होंगे। यहां पेरिस में फ्रांस के नए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से चर्चा करेंगे। इस दौरान दोनों देशों का स्ट्रैटजिक रिलेशन मजबूत होने की उम्मीद है। दोनों देश आतंकवाद से पीड़ित हैं। इसलिए बातचीत में यह अहम मुद्दा हो सकता है। दोनों देशों के बीच स्पेस, नॉन- एटॉमिक, डिफेंस और इकोनॉमिक सेक्टर्स में मजबूत सहयोग है। फ्रांस, जर्मनी और स्पेन के सफर के दौरान भारत और यूरोपीय यूनियन (ईयू) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट अहम मुद्दा रहेगा। फ्रांस, भारत में नौवां सबसे बड़ा इन्वेस्टर है। अप्रैल 2000 से जनवरी 2017 तक 5.55 अरब का इन्वेस्टमेंट किया। 2016 में कारोबार 9.60 अरब डॉलर का रहा।
अब तक 45 देश जा चुके मोदी; 3.5 लाख किमी दूरी तय की, करीब 10% समय विदेशों में रहे
मोदी ने अब तक करीब 3.4 लाख किमी का सफर किया है। 45 देशों में 119 दिन बिताए हैं। यह वक्त उनके अब तक के कार्यकाल का करीब 10% है।
मनमोहन के मुकाबले मोदी के अचीवमेंट
– मोदी-2 साल में 95 दिन विदेश में बिताए। 20 यात्राओं में 40 देश गए।
– यूपीए-1: मनमोहन 72 दिन विदेश में रहे। 15 यात्राएं कर 18 देश पहुंचे।
– यूपीए-2: मनमोहन 72 दिन विदेश में रहे। 17 यात्राएं कर 24 देश पहुंचे।
– रिजल्ट:2017 में एफडीआई 62 बिलियन डॉलर पहुंचा। मनमोहन के आखिरी साल 2013-14 से करीब दो गुना (36 बिलियन डॉलर)।
साल-दर-साल कम हो रहे हैं दौरे
– मई 2014 से मई 2015 पीएम ने 55 दिन बाहर रहे।
– मई 2015 से मई 2016 यह आंकड़ा घटकर 40।
– मई 2016 से मई 2017 तक 25 विदेशी यात्राएं की।
– मोदी के अब तक के विदेशी दौरों पर 75 करोड़ खर्च हुआ है।
फेसबुक में तीन गुना और टि्वटर पर 7 गुना फॉलोअर्स बढ़े
– फेसबुक फॉलोवर तीन साल में 14 मिलियन से 42 मिलियन हो गए। 4 मिलियन फॉलोवर्स पिछले छह महीने में जुड़े। 603 मिलियन बार मोदी को मेंशन किया गया।
– मोदी के 30 मिलिनय टि्वटर फॉलोवर्स हैं। 2014 के बाद तीन साल में सात गुना बढ़े।
 

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