धधकते सूरज के राज खोलने के लिए नासा ने लॉन्च किया स्पेसक्राफ्ट, नवंबर में पहुंचेगा करीब

वॉशिंगटन। नासा के मिशन सूर्य नमस्कार की शुरुआत हो चुकी है, जिसके जरिए नासा ने सूर्य के सबसे नजदीक जाने का जोखिम उठाया हुआ है. रविवार को दोपहर बाद 3:31 बजे नासा का पार्कर सोलर प्रोब स्पेसक्राफ्ट लॉन्च कर दिया गया है. नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होने के बाद यह स्पेसक्राफ्ट सूर्य के सफर पर निकल चुका है.

यह सूर्य के सबसे नजदीक जाकर उसके राज खोलने के लिए आंकड़े जुटाएगा. नासा ने इस मिशन को Touch The Sun नाम दिया है, क्योंकि ये पहला ऐसा मिशन है, जो सूर्य के सबसे करीब पहुंचेगा. हालांकि सवाल यह है कि आखिर ऐसा कैसे होगा और क्या सूर्य इस मिशन का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा?

इस स्पेसक्राफ्ट की गति सात लाख 16 हजार किलोमीटर प्रति घंटे है. यह पृथ्वी से सूर्य के बीच 1496 करोड़ किलोमीटर की दूरी चार महीने में पूरी कर लेगा. नवंबर के महीने में जब नासा का स्पेसक्राफ्ट सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचेगा, तब सूर्य की सतह से उसकी दूरी करीब 62 करोड़ किलोमीटर होगी.

इस मिशन को लेकर नासा के वैज्ञानिक निकोला फोक्स का कहना है, ‘हम सूर्य के बहुत नजदीक तक पहुंच रहे हैं, जैसा कि कारेन फॉक्स भी कह चुके हैं कि हम वहां तक पहुंच गए थे, जहां से सूर्य की सतह महज 3.84 मील दूर थी. लेकिन अब हम सात शुक्र के गुरुत्वाकर्षण बल का इस्तेमाल करेंगे और धीरे-धीरे सूर्य की सतह के और नजदीक पहुंच जाएंगे यानी हम सूर्य की अपनी कक्षा में पहुंचने से पहले सात बड़े कदम बढाएंगे.

कार के आकार का सोलर पार्कर प्रोब स्पेसक्राफ्ट सूर्य के इतने करीब पहुंचेगा, जहां आज तक कोई अंतरिक्ष यान नहीं पहुंच पाया है, लेकिन सूर्य के इतने नजदीक पहुंचकर भी उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा. जब ये स्पेसक्राफ्ट सूर्य के सबसे नजदीक होगा, तब वहां के वातावरण का तापमान 1400 डिग्री सेल्सियस होगा.

इस तापमान से स्पेसक्राफ्ट को बचाने के लिए करीब 12 सेंटीमीटर मोटी हीट शील्ड लगाई गई है, जो सूर्य की किरणों से इसकी हिफाजत करेगा. इसे थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम से लैस किया गया है, जो इसे सोलर रेडिएशन के प्रभाव से नष्ट होने से बचाएगा.

सोलर पार्कर प्रोब स्पेसक्राफ्ट में लगा थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम सूर्य की रेडिएशन से 500 गुना ज्यादा रेडिएशन को सहन कर सकता है. सोलर पार्कर प्रोब स्पेसक्राफ्ट में एक वॉटर कूलिंग सिस्टम भी लगाया गया है, जिससे इसके सोलर पैनल सूर्य की ऊर्जा से नष्ट होने से बचेंगे. वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचने के बावजूद स्पेसक्राफ्ट का तापमान 29 डिग्री सेल्सियस बना रहेगा.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button