7वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, कैबिनेट ने भत्‍तों में बदलाव को मंजूरी दी

नई दिल्ली। लाखों केंद्रीय कर्मचारियों (central employess) के लिए बुधवार शाम बड़ी खुशखबरी आई. कैबिनेट ने शाम को हुई अपनी बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों के भत्‍तों में बदलाव को मंजूरी दे दी. वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने पत्रकारों को बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों के भत्‍तों पर सांतवे वेतन आयोग के सुझाव मंजूर कर लिए गए हैं.

बता दें कि सातवें वेतन आयोग से जुड़े अलाउंस (7th Pay Commission Allowances) के मुद्दे पर कर्मचारियों को सरकार से अब फैसले का इंतजार था. लिहाजा, आज की कैबिनेट बैठक में अलाउंस से जुड़े कैबिनेट नोट पर चर्चा पर सरकारी कर्मचारी उम्मीद लगाए बैठे थे.

जानकारी के लिए बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी विदेश दौरे से मंगलवार रात में ही लौटे थे और इस वजह से बुधवार सुबह होने वाली बैठक को शाम पांच बजे के लिए निर्धारित किया गया था. पिछले कुछ हफ्तों से किसी न किसी वजह से सातवें वेतन आयोग से जुड़े अलाउंस के मुद्दे पर कैबिनेट की बैठक में चर्चा नहीं हो पा रही थी और इससे कर्मचारियों में इंतजार बढ़ता जा रहा था. ऐसा कहा जा रहा था कि कभी वित्त मंत्री अरुण जेटली तो कभी वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के दिल्‍ली में न रहने की वजह से इस मुद्दे को कैबिनेट की बैठक में नहीं रखा जा रहा था.

कर्मचारी संघों के सूत्रों का कहना था कि सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति ने इस मुद्दे पर चर्चा के बाद कैबिनेट नोट तो तैयार कर लिया था.

बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों को अन्य अलाउंसेस के अलावा एचआरए के मुद्दे पर सरकार के फैसले का करीब एक साल
से इंतजार था. उल्लेखनीय है कि पिछले साल 28 जून को ही सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला लिया था. सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू करने का ऐलान किया था, लेकिन वेतन आयोग की कई सिफारिशों के बाद केंद्रीय कर्मचारियों ने कई मुद्दों पर अपनी आपत्ति जताई थी. इन मुद्दों में अलाउंसेस को लेकर विवाद भी था.

सरकार ने इसके लिए एक समिति का गठन किया था. समिति ने अपनी रिपोर्ट 27 अप्रैल को वित्तमंत्री को सौंप दी थी. वित्त मंत्रालय की ओर से यह रिपोर्ट अधिकार प्राप्त सचिवों की समिति को भेजी गई थी. अब इस रिपोर्ट पर चर्चा के बाद 1 जून को सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति ने एक कैबिनेट नोट तैयार किया था.

जानकारी के लिए बता दें कि सातवें वेतन आयोग से पहले केंद्रीय कर्मचारी 196 किस्म के अलाउंसेस के हकदार थे, लेकिन सातवें वेतन आयोग ने कई अलाउंसेस को समाप्त कर दिया या फिर उन्हें मिला दिया था, जिसके बाद केवल 55 अलाउंस बाकी रह गए थे. तमाम कर्मचारियों को कई अलाउंस समाप्त होने का मलाल था.

नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को मंजूरी दी थी और 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया था.. लेकिन, भत्तों के साथ कई मुद्दों पर असहमति होने की वजह से यह सिफारिशें पूरी तरह से लागू नहीं हो पाईं.

बता दें कि वेतन आयोग (पे कमीशन) ने अपनी रिपोर्ट में एचआरए को शुरू में 24%, 16% और 8% तय किया था और कहा गया था कि जब डीए 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा तो यह 27%, 18% और 9% क्रमश: हो जाएगा. इतना ही नहीं वेतन आयोग (पे कमिशन) ने यह भी कहा था कि जब डीए 100% हो जाएगा तब यह दर 30%, 20% और 10% क्रमश : एक्स, वाई और जेड शहरों के लिए हो जाएगी.

 

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