7वां वेतन आयोग: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, 1 अप्रैल से मिलेगी बढ़ी हुई सैलरी!

नई दिल्ली। सरकारी नौकरी वालों को सरकार बड़ी खुशखबरी देने की तैयारी कर रही है. पिछले काफी दिनों से कर्मचारियों की तरफ से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने की मांग की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अब सरकारी कर्मचारियों को यह खुशखबरी अप्रैल में मिलने वाली है. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मिनिमम पे स्केल में 3000 रुपये की बढ़ोतरी होगी. यानी 18,000 रुपये की बजाय अब मिनिमम बेसिक पे 21,000 रुपये होगी.

चुनाव के मद्देनजर उठा रही कदम
सरकार यह कदम अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उठा रही है. यही कारण है कि सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करके लाखों कर्मचारियों और उनके परिवार को खुश करने की कोशिश में लगी है. बेसिक पे में 3000 रुपये की बढ़ोतरी के बारे में सरकारी कर्मचारियों का मानना है कि इससे उनकी आर्थिक स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा. सरकारी कर्मचारी मिनिमम सैलरी को बढ़ाकर 26,000 रुपये महीने करने की मांग कर रहे हैं.

गौरतलब है कि 6 जुलाई 2017 को केंद्र सरकार ने 7वें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिशें गजट में छापी थीं. जिसमें यह सिफारिश की गई थी कि सातवें वेतन आयोग के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी हर महीने 7 हजार से लेकर 18 हजार रुपए तक बढ़ सकती है. मैट्रिक्स स्तर से 1 से 5 के वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई जा सकती है. इनकी न्यूनतम सैलरी को तय 18000 रुपए से बढ़ाकर 21 हजार रुपए किया जा सकता है.

फिटमेंट फैक्टर भी बढ़ेगा
वहीं, फिटमेंट फैक्टर को भी 2.57 गुना से बढ़ाकर 3 गुना किया जा सकता है. कर्मचारियों को इसका फायदा एक अप्रैल 2018 से मिल सकता है. हालांकि, केंद्रीय कर्माचरियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी को 18,000 रुपए महीने बढ़ाने के बजाय 26,000 रुपए महीने की जाए. इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना कर दिया जाए.

निम्न स्तर के कर्मचारियों को होगा फायदा
एक अधिकारी ने अखबार को बताया कि वित्त मंत्री अरुण जेटली मध्य स्तर के कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि के बजाय निम्न स्तर के कर्मचारियों को चुनना पसंद करेंगे. इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापक मध्य-स्तरीय कर्मचारियों को ज्यादा वृद्धि नहीं दिखाई देगी, क्योंकि, आय के ध्रुवीकरण के लंबे समय से चलने वाले रुझान और केंद्रीय सरकार के विभागों में सिकुड़ते मध्य स्तर को देखते हुए ऐसा लगता है.

 

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