7/11: मुंबई लोकल ट्रेनों में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में 12 दोषी करार, एक बरी

police-and-blastsतहलका एक्सप्रेस
मुंबई। मुंबई की लोकल ट्रेनों में 2006 में हुए सीरियल बम धमाकों के नौ साल बाद मकोका कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। 13 आरोपियों में से 12 लोगों को गुनहगार करार दिया गया। अब्दुल वाहिद नाम के आरोपी को बरी कर दिया गया। उस पर पाकिस्तानी आतंकियों को पनाह देने का आरोप था। दोषियों की सजा का एलान सोमवार को होगा।
दोषियों के नाम: एहतेशाम सिद्दीकी, कमाल अंसारी, फैजल शेख, तनवीर अहमद अंसारी, मोहम्मद माजिद शफी, शेख आलम शेख, मोहम्मद साजिद अंसारी, मुजम्मिल शेख, सोहेल महमूद शेख, जमीर अहमद शेख, नवेद हुसैन खान, आसिफ खान।
बता दें कि केस का ट्रायल स्पेशल जज वाई डी शिंदे की अदालत में चला था। आरोपियों पर देश के खिलाफ जंग छेड़ने समेत कई आरोप थे। कोर्ट ने फैसला सुनाए जाने की जानकारी गुरुवार को मामले से जुड़े पब्लिक प्रॉसिक्यूटर, बचाव पक्ष के वकील और जेल अधिकारियों को दी थी। कोर्ट ने सभी आरोपियों को फैसले के वक्त मौजूद रहने को कहा था।
कब हुआ था हमला?
>11 जुलाई, 2006 को वेस्टर्न सबअर्बन इलाके की ट्रेनों की सात कोचों में हुए सिलसिलेवार धमाके में 189 पैसेंजरों की मौत हो गई थी और 824 लोग घायल हो गए थे।
>ब्लास्ट शाम छह बजकर 24 मिनट से लेकर 6 बजकर 35 मिनट के बीच हुए। यह वो वक्त था, जब मुंबई के लोकल ट्रेनों में लाखों पैसेंजर काम के बाद घर लौटते हैं।
>एंटी टेररिज्म स्क्वैड ने 20 जुलाई, 2006 से 3 अक्टूबर, 2006 के बीच आरोपियों को गिरफ्तार किया।
>उसी साल नवंबर में आरोपियों ने कोर्ट को लिखित में जानकारी दी कि उनसे जबरन इकबालिया बयान लिए गए।
>चार्जशीट में 30 आरोपी बनाए गए। इनमें से 13 की पहचान पाकिस्तानी नागरिकों के तौर पर हुई। बाकी 17 भारतीय हैं। इन 17 में से 4 की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई।
>सभी आरोपी सिमी के संदिग्ध आतंकी थे। ट्रायल पिछले साल अगस्त में खत्म हुआ था। प्रॉसिक्यूशन ने 192 गवाहों को एग्जामिन किया। डिफेंस लॉयर ने 51 गवाहों को एग्जामिन किया।
>केस में कई उतार चढ़ाव आए। 2008 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगा दी। एक पिटीशन में मकोका कानून के प्रोविजन को चैलेंज किया गया था। दो साल बाद, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फिर से ट्रायल शुरू हुआ।
क्या कहना है प्रॉसिक्यूशन का?
प्रॉसिक्यूशन का कहना है कि बम मुंबई में ही बनाए और असेंबल किए गए। बम फर्स्ट क्लास के कंपार्टमेंट्स में शाम के वक्त इस तरह प्लान्ट किए गए कि वे 11 मिनट के टाइम पीरियड में सिलसिलेवार ढंग से उनमें ब्लास्ट हो। ये बम प्रेशर कुकर में प्लान्ट किए गए थे। एटीएस के मुताबिक, बम ब्लास्ट का मकसद एक ‘खास कम्युनिटी’ को निशाना बनाना और गुजरात दंगों का बदला लेना था।
 

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