86 करोड़ खर्च हुए ‘माया’ के बंगले पर, दिल्ली में भी हैं चार

maya homeतहलका एक्सप्रेस

लखनऊ। यूपी की पूर्व सीएम और बसपा प्रमुख मायावती के निजी बंगले को बार-बार गिराने और संवारने की वजह से उसकी कीमत बढ़ गई। मायावती ने अपने बंगले को संवारने में 86 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। मायावती के शासन के दौरान ही लगाई गई एक आरटीआई के जरिए मायावती के इस शाहखर्ची का खुलासा हुआ था।

मायावती1995 में जब पहली बार मुख्यमंत्री बनीं थीं, तब उन्हें मॉल एवेन्यू का बंगला मिला था। इस बंगले को सजाने-संवारने का काम 2007 में शुरू हुआ, जब वह दूसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। यह बंगला पांच एकड़ जमीन में बना है। बताया जाता है कि इस बंगले के कमरे और बाथरूम कई बार बने और कई बार गिराए गए। यह सारा निर्माण कार्य सरकारी खजाने से होता था। इसलिए बार-बार बनाने और गिराने की वजह से भवन के संवारने में आने वाला खर्च बढ़ता चला गया।

मायावती के पास दिल्ली में भी हैं चार बंगले
मायावती के पास राजधानी लखनऊ के साथ-साथ दिल्ली में भी चार सरकारी बंगले हैैं। जिसपर अनाधिकृत निर्माण कर बेहिसाब पैसे खर्च करने को लेकर विवाद हो चुका है। इसमें खास बात ये है कि मायावती को तीन बंगले एक ही यूनिट दिखाकर आवंटित किए गए हैं। मायावती के पास बतौर बसपा प्रमुख दिल्ली में एक बंगला पहले से ही था।

किसी एक ही व्यक्ति को चार सरकारी बंगले अलॉट कर दिए जाना कानूनन गलत है, वहीं इनमें निर्माण कराया जाना भी सही नहीं ठहराया जा सकता। सूत्रों के अनुसार मायावती ने दिल्ली में स्थित अपने बंगलों में बगैर किसी मंजूरी के बेहिसाब तरीके से खर्च किया और अनाधिकृत निर्माण कराया।

बहुजन प्रेरणा ट्स्ट के नाम पर आवंटित हुए बंगले
यूपीए सरकार में मायावती को गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर टाइप-8 के ये तीन बड़े बंगलों एक जगह मिलाकर अलॉट किया गया। इसकी पूरी प्रक्रिया सीपीडब्लूडी ने संपन्न कराई। ये बंगले बहुत बड़े हैं और इन्हें केवल केंद्रीय मंत्रियों या सचिवों को ही दिया जा सकता है। 12, 14 और 16 नंबर के इन बंगलों में फ्रंट और बैक लॉन हैं। मायावती को ये बंगले बहुजन प्रेरणा ट्रस्ट के नाम पर आवंटित किए गए हैं।

कहां कहां आवंटित हुए बंगले
माया को 30 जुलाई 2007 में 12 जीआरपी स्थित बंगला मिला था। इसके बाद 30 अप्रैल 2008 को बंगला संख्या 14 जीआरपी और 4 नंवबर 2010 को बंगला संख्या 4 जीआरपी आवंटित किया गया था।नियमों के अनुसार यूपी में सत्ता से बेदखल होने के बाद मायावती से कम से कम तीन बंगले खाली करा लिए जाने चाहिए थे। हालांकि, न तो केन्द्र सरकार या अन्य संबंधित एजेंसियों ने न तो कोई कदम उठाया और न ही इन्हें खाली करने की जहमत उठाई गई।

 

 

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