चाणक्य के मुताबिक यह चीजें जैसी भी मिले उसी में खुश रहना सीखे…
जिन लोगों के जीवन में असंतोष रहता है, उन्हें कभी भी सुख नहीं मिल पाता। ऐसे लोग हमेशा परेशानियों में घिरे रहते हैं और कार्यों में असफल होते हैं।
जिन लोगों के जीवन में असंतोष रहता है, उन्हें कभी भी सुख नहीं मिल पाता। ऐसे लोग हमेशा परेशानियों में घिरे रहते हैं और कार्यों में असफल होते हैं। जो वस्तुएं या सुख-सुविधाएं हमारे पास हैं, हमें उनसे संतुष्ट रहना चाहिए। आचार्य चाणक्य ने तीन ऐसी परिस्थितियां बताई हैं, जिसमें व्यक्ति को संतोष जरूर करना चाहिए।
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आचार्य चाणक्य के अनुसार पत्नी अगर सुंदर न हो तो व्यक्ति को संतोष कर लेना चाहिए। विवाह के बाद किसी भी परिस्थिति में अन्य स्त्रियों पर मोहित नहीं होना चाहिए, क्योंकि इस आदत की वजह से कई परेशानियां शुरू हो जाती है।
खाना जैसा भी मिले, प्रसन्नता से ग्रहण करना चाहिए। कभी भी खाने की बुराई न करें और जूठा खाना नहीं छोड़ना चाहिए।
व्यक्ति के पास जितना पैसा हो, जितनी उसकी आय हो उसी में खुश रहना चाहिए। आय से अधिक खर्च नहीं करना चाहिए। जैसी आर्थिक स्थिति हो व्यक्ति को उसी के अनुसार व्यय करना चाहिए।
इसके अलावा चाणक्य ने यह भी कहा है कि अध्ययन विज्ञान और जॉब इन तीनों में इंसान को कभी भी संतुष्ट नहीं होना चाहिए यह इंसान जितना करेगा उतनी ही तरक्की करेगा।
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