कृषि कानून: किसानों का बड़ा ऐलान, अगर अगली बैठक में रास्ता नहीं निकला तो…

कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार पर निशाना साधा है.किसान नेता बलवीर सिंह रजवाल ने कहा है कि, सरकार जिस तरीके से दुष्प्रचार कर रही है

कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार पर निशाना साधा है. किसान नेता बलवीर सिंह रजवाल ने कहा है कि, सरकार जिस तरीके से दुष्प्रचार कर रही है उसे हमने गलत साबित कर दिया है. किसान नेता ने कहा कि, सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि, हमने एक देश एक मंडी बना दी है जिसपर किसानों (FARMER) ने कहा कि, आपने एक देश दो मंडी बना दी है. अब किसानों (FARMER) ने सरकार के साथ बातचीत से पहले सख्त तेवर अपनाने लगे हैं. किसानों ने साफ तौर पर बता दिया है कि, कानूनों के वापस होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. कानून की वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा. इसके साथ ही किसान संगठनों ने कहा है कि, अगर अगली बैठक में हल नहीं निकलता है तो एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर-ट्राली मार्च होगा.

बता दें कि, कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों (FARMER) का आज 38वां दिन है. यूपी गेट, सिंघु बॉर्डर, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. वहीं यूपी गेट पर पहले दिन से आंदोलन में शामिल रहे एक किसान की मौत हो गई है. 51 वर्षीय गलतान सिंह बागपत जिले के दोघट इलाके के मौजिजाबाद नांगल के रहने वाले थे. शुक्रवार दोपहर को अचान से गलतान सिंह के सीने में दर्द शुरू हो गया जिसके बाद उनकी मौत हो गई.

गलतान सिंह की मौत से आक्रोशित किसानों ने ऐलान किया है कि, अब कानून वापसी तक उनका आंदोलन नहीं थमेगा और पीछे नहीं हटेंगे. सरकार चाहे जितनी कोशिश कर ले. वहीं किसानों ने बीजेपी के खिलाफ पार्टी छोड़ो अभियान चलाने की चेतावनी दी है. किसान संगठनों ने कहा है कि, अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो भाजपा के खिलाफ पार्टी छोड़ो अभियान चलाया जाएगा. इसके साथ ही किसानों (FARMER) की सात सदस्यीय कमेटी दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत करेगी. जहां पर किसान अपनी अगली रणनीति का ऐलान करेंगे.

वहीं सातवें दौर की बैठक में जिन किसानों ने मंत्रियों के साथ सेल्फी ली थी उनको लेकर जमकर विरोध हुआ था. और किसान संगठनों ने कहा था कि, ऐसे किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं हो सकते.

वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान (FARMER) ने शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक किसान के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. इस सुसाइड नोट में किसान ने आंदोलन को लेकर पीड़ा जाहिर की है. मृतक किसान का नाम कश्मीर सिंह है और उत्तराखंड के बिलासपुर जिले का रहने वाला है.

वहीं किसान के आत्महत्या करने पर भाकियू नेता राकेश टिकैत ने दुख व्यक्त किया है. राकेश टिकैत ने कहा है कि, कश्मीर सिंह इस आंदोलन से भावनात्मक रूप से जुड़े थे और जब उन्हें सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल नजर नहीं आई तो उन्होंने ऐसा कदम उठा लिया.

 

 

 

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