अमरोहा कांड: बेटे ताज ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से की मां शबनम को माफ करने की मांग, कहा- मेरी मां को मत दीजिए फांसी, मैं…

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बामनखेड़ी गांव में में 14-15 अप्रैल 2008 की रात को अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम के...

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बामनखेड़ी गांव में में 14-15 अप्रैल 2008 की रात को अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम (Shabnam) के डेथ वॉरंट पर कभी भी हस्ताक्षर हो सकता है। जल्द ही शबनम को मथुरा जिला जेल में फांसी पर लटकाया जा सकता है।

वहीं, शबनम (Shabnam) के बेटे ताज ने देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी मां की फांसी की सजा को माफ करने की मांग की है। सजायाफ्ता अपराधी शबनम के बेटे ताज ने राष्ट्रपति से अपनी मां के गुनाहों को माफ करने की गुहार लगाई है। ताज न सिर्फ अपनी मां को माफ करने की मांग कर रहा है, बल्कि वह तब रो पड़ता है,जब याद करता है कि कैसे अपनी मां से मिलने के लिए वह रामपुर जेल जाता था।

अपराधी ने जब अपने बेटे ताज से मिली थी तब उसने ताज को समझाया था कि मन से पढ़ाई करना, जब दिल लगाकर पढ़ाई करोगे, तभी आगे बढ़ोगे। ताज का कहना है कि उनकी मां उससे बहुत प्यार करती है। वह उसे गले भी लगाती है और अपने आंचल में छिपा लेती है। वह उसे पैसे भी देती है। साथ ही ताज ने यह भी कहा कि उसने भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से अपनी मां के गुनाहों की सजा को माफ करने की अपील की है, ताकि उसके सिर से मां का साया न उठ पाए।

ये भी पढ़े-कौशाम्बी: पशु तस्करों ने किया सिपाही पर ट्रक चढ़ाने का प्रयास, 18 बैलों के साथ तस्कर गिरफ्तार

उस्मान सैफी के परिवार के साथ रहता है शबनम का बेटा

बता दें कि बुलंदशहर की सुशील विहार कॉलोनी में शबनम (Shabnam) का इकलौता बेटा ताज कस्टोडियन उस्मान सैफी के परिवार के साथ रहता है। ताज का जन्म जेल में ही हुआ था, जिसे 6 साल की उम्र में जेल से बाहर लाया गया और अमरोहा जिला प्रशासन ने उसको बुलंदशहर निवासी उस्मान सैफी की कस्टोडिन में दे दिया।

उस्मान के मुताबिक, बुलंदशहर के प्रतिष्ठित स्कूल में ताज पढ़ाई कर रहा है और वह जहां तक पढ़ना चाहे, उसकी पढ़ाई और परवरिश की सारी व्यवस्था है। उस्मान कहते हैं कि ताज की मां के पास काफी प्रॉपर्टी है। वह शबनम से कह चुके हैं कि वह इस प्रापर्टी को स्कूल, कॉलेज, अस्पताल जैसे किसी अच्छे काम के लिए दान कर दें।

…इसलिए मिली सजा

बता दें कि 15 अप्रैल 2008 को अमरोहा जिले के गांव बामनखेड़ी की रहने वाली शबनम ने अपने प्रेमी सलीम की मदद से प्रेम सम्बन्धों में बाधा बने अपने माता पिता, दो भाई, भाभी, मौसी की लड़की और भतीजे को कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया था। शबनम को निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक फांसी की सजा सुनाई गई है। राष्ट्रपति ने शबनम की दया याचिका खारिज कर दी और उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा। इसी के साथ अब शबनम को फांसी देने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button