35-40 साल की उम्र में महिलाओं में बढ़ जाता हैं इस कैंसर का खतरा, जाने इसके लक्षण व इलाज़

ब्रेस्ट कैंसर के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा महिलाएं सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) से पीड़ित होती हैं। सर्वाइकल कैंसर, महिलाओं के गर्भाशय के निचले हिस्से में यानी की सर्विक्स (गर्भाशय और योनि को जोड़ने वाला हिस्सा) में होता है।

इस प्रकार के कैंसर की शुरुआत महिलाओं में 35-40 साल की उम्र के बाद होती है, विशेषकर तब, जब महिलाओं में पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं या फिर गुप्तांग से ब्लड ज्यादा निकलने लगता है। सर्वाइकल कैंसर को काफी खतरनाक माना जाता है क्योंकि यह कैंसर सर्वाइकल से फैलते हुए लिवर, ब्लैडर, योनि, फेफड़ों और किडनी तक चला जाता है और हमारे शरीर को अंदर से प्रभावित करने लगता है।

सामान्य ग्रीवा के कैंसर के लक्षणों में पैल्विक दर्द, योनि से बदबूदार निर्वहन, पीरियड से पहले और बाद में रक्तस्राव और यौन गतिविधि के दौरान असुविधा का अनुभव होता है। गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लक्षणों के साथ संक्रमण हो सकता है, और उपलब्ध ग्रीवा कैंसर उपचार के विकल्प सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी हैं।

गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर यानी सर्वाइकल कैंसर के लगभग सभी मामले ह्यूमन पैपीलोमावायरस (HPV) की वजह से होते हैं। ये एक आम वायरस है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संभोग के दौरान जा सकता है।

स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा: 80 से 90 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर के मामले स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा की वजह से होते हैं, जो गर्भाशय ग्रीवा के निचले भाग में परतदार, सपाट कोशिकाओं में होता है।

एडेनोकार्सिनोमा: जब कैंसर के ट्यूमर ग्रीवा के ऊपरी हिस्से में ग्लैंड्स की कोशिकाओं में विकसित होते हैं, तब इसे एडेनोकार्सिनोमा कहा जाता है।

मेटास्टेटिक सर्वाइकल कैंसर: जब सर्वाइकल कैंसर ग्रीवा के अलावा शरीर के कई हिस्सों में फैल जाता है, तो इसे मेटास्टेटिक सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है।

 

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