बाँदा: पीडब्लूडी अधिकारियों ने ऐसी बनाई सड़कें कि सालभर में हुई खस्ताहाल

उत्तर प्रदेश सरकार भले ही गांव और सड़कों की दुर्दशा को दुरुस्त करने के लिए लाख कवायत करती हो लेकिन कहीं ना कहीं सरकार के ही कर्मचारियों के द्वारा इन सड़कों का निर्माण कुछ इस तरह कराया जाता है कि कुछ महीनों या वर्षों में यह खस्ताहाल हो जाती हैं और जब इन खस्ताहाल सड़कों की दुर्दशा का आईना निर्माण विभाग के अधिकारियों को दिखाया जाता है तो उनके द्वारा केवल जांच का हवाला देते हुए मामले को टाल दिया जाता है ऐसा ही एक मामला जनपद से सामने आया है। 

उत्तर प्रदेश सरकार भले ही गांव और सड़कों की दुर्दशा को दुरुस्त करने के लिए लाख कवायत करती हो लेकिन कहीं ना कहीं सरकार के ही कर्मचारियों के द्वारा इन सड़कों का निर्माण कुछ इस तरह कराया जाता है कि कुछ महीनों या वर्षों में यह खस्ताहाल हो जाती हैं और जब इन खस्ताहाल सड़कों की दुर्दशा का आईना निर्माण विभाग के अधिकारियों को दिखाया जाता है तो उनके द्वारा केवल जांच का हवाला देते हुए मामले को टाल दिया जाता है ऐसा ही एक मामला जनपद से सामने आया है। 

सड़क 1 वर्ष में ही खस्ताहाल हो गई

जहां पर पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों के द्वारा सड़क का निर्माण कराया गया था लेकिन सड़क का निर्माण कुछ इस तरह कराया गया कि वह सड़क 1 वर्ष में ही खस्ताहाल हो गई आप वीडियो में साफ तौर से देख पा रहे होंगे कि किस तरह के मटेरियल का प्रयोग करते हुए पीडब्ल्यूडी के द्वारा इस सड़क का निर्माण किया गया था क्योंकि यदि निर्माण विभाग के द्वारा इसमें अच्छा मटेरियल लगाकर काम किया गया होता तो कहीं ना कहीं यह सड़क कई वर्षों तक चलने लायक होती।

बाँदा का ही नही बल्कि पूरे प्रदेश में सड़कों के यही हालात हैं

आपको बता दें कि पूरा मामला बाँदा जनपद के बबेरू तहसील अंतर्गत मझींवा गांव व उससे संबंधित गांवों का है जहां पर एक वर्ष पूर्व pwd विभाग के द्वारा सड़कों का निर्माण कराया गया था। लेकिन यह सड़क कुछ ही दिनों में जर्जर हो गयी ।जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है। ये मामला केवल बुंदेलखंड के बाँदा का ही नही बल्कि पूरे प्रदेश में सड़कों के यही हालात हैं।

अपनी जेब भरने का काम किया जाता है

जिन पर pwd के अधिकारियों सहित ठेकेदारों का भी बड़ा हाथ देखने को मिलता है। pwd के इन अधिकारियों और ठेकेदारों के द्वारा अपनी जेब भरने का काम किया जाता है फिर चाहे जिस प्रकार से हो । उन्हें यह भी परवाह नहीं है कि उन पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही हो सकती है। आखिर क्यों ये अधिकारी और कर्मचारी अपनी कारगुजारी से बाज नहीं आते हैं।

सड़क का निर्माण एक वर्ष पूर्व कराया गया था

जब इस जर्जर सड़क की जानकारी मीडिया को लगी तो पूरी टीम ने जाकर मौका मुआयना किया । और जब सड़क की हालत देखी तो साफ हो गया कि किस कदर इन अधिकारियों के द्वारा भ्रस्टाचार किया गया है। और जब ग्रामीणों से इस विषय में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि इस सड़क का निर्माण एक वर्ष पूर्व कराया गया था लेकिन यह उससे पहले ही उखड़ गई।

जब pwd के द्वारा सड़क का निर्माण किया जा रहा था तो उनके द्वारा घटिया मटेरियल का प्रयोग किया जा रहा था। इसको लेकर हम लोगों के द्वारा शिकायत भी की गई थी । जिसको लेकर निर्माण विभाग के अधिकारियों के द्वारा जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

वहीं पूरे मामले की जानकारी देते हुए pwd के चीफ ज्ञान प्रकाश पांडे ने बताया है की यह मामला मेरे संज्ञान है इसकी tac जाँच हो रही है। जांच में अवर अभियंता दोसी पाए गए हैं उनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। इसके अलावा ठेकेदार के खिलाफ भी कार्यवाही की जा रही है नियमानुसार रिकवरी भी की जाएगी।

रिपोर्ट -इलियास खान 

 

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