बांगरमऊ भाजपा के लिए नाक बचाने की चुनौती, तो सपा के लिए अपनी खोई सीट वापस पाने की जंग जारी

कहने के लिए तो प्रदेश में नौ सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, लेकिन राजधानी लखनऊ से सटे उन्नाव की बांगरमऊ सीट भाजपा के प्रतिष्ठा बन गयी है।

कहने के लिए तो प्रदेश में नौ सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, लेकिन राजधानी लखनऊ से सटे उन्नाव की बांगरमऊ सीट भाजपा के प्रतिष्ठा बन गयी है। जबकि राजनीतिक विश्लेषक इसे 2022 के सेमीफाइनल के रूप में देख रहे हैं।जनता का रुख किसके साथ है इसका अंदाजा भी उपचुनाव के परिणाम पर निर्भर है।

आपको बात दें कि यह सीट 2017 से पहले सपा के खाते में थी।और बदलूँ खा यहाँ से विधायक थे।इसके पहले 2007 में बांगरमऊ को साइकिल पर सवार हो कर कुलदीप सिंह ने फतह किया था।और 2012 में कुलदीप सिंह ने सीट बदल कर भगवन्तनगर से साइकिल पर सवार हो विधानसभा पहुँचे थे।लेकिन मौसम वैज्ञानिक कुलदीप सिंह ने 2017 में सपा को छोड़ कर बरेली सांसद केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के नेतृत्व में केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में भाजपा का दामन थाम लिया और बांगरमऊ से कमल लेकर मैदान में उतर पड़े।सपा का गढ़ माने जाने वाले बांगरमऊ में कुलदीप सिंह 21 दिन के अल्प समय में सपा के बदलूँ खां को चित कर पहली बार कमल खिला दिया और उन्नाव ही नही प्रदेश के उन नेताओं में शुमार किये जाने लगे जो चुनाव जीतने के लिए किसी पार्टी या क्षेत्र के मोहताज नहीं रहते हैं।लेकिन फिर बहुचर्चित रेप कांड ने सिर्फ कुलदीप सिंह का ही कैरियर खत्म नहीं किया बल्कि लखनऊ से लेकर दिल्ली तक भाजपा की जमकर किरकिरी करायी।आजीवन कारावास की सजा होने के बाद बांगरमऊ से कुलदीप सिंह की विधानसभा सदस्यता भी रद्द हो गयी।

बांगरमऊ सीट पर अपनी नाक बचाने के लिए बेताब भाजपा अपने मंत्री,सांसद सहित कई बड़े चेहरे मैदान में उतार रखें है।जिसके खिलाफ मुख्य विपक्षी दल सपा की भी बड़ी सेना में सुनील साजन, राजपाल कश्यप,सहित भाजपा के मिशन को फेल करने के लिए मैदान में है।ऐसे में आज बांगरमऊ में मुख्यमंत्री की रैली भाजपा के लिए संजीवनी का काम करेगी।लेकिन इसके साथ ही भाजपा के लिए इस सीट को जीतने की चुनौती भी।

बांगरमऊ मिल मैदान में आयोजित रैली को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी है जिलें भर के भाजपाई रैली को सफल बनाने के लिए बेताब हैं।प्रशासन नतमस्तक हो हर तरह से रैली को सफल बनाने के लिए जुटा हुआ है।दोपहर 2 बजे अपने उड़नखटोले से मुख्यमंत्री के आगमन की सूचना जनपद प्रशासन के पास है।आज की रैली काफी हद तक बांगरमऊ में जनता के रुख को स्पष्ट कर सकती है।

लेकिन जिस तरह से अभी सपा की तरफ से कोई बड़ा चेहरा चुनावी मैदान में नही दिख रहा है इससे यह बात भी जोर पकड़ रही है कि क्या सपा बांगरमऊ में अपनी जीत को लेकर सुनिश्चित है ? वही भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री की रैली के बाद चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो चला है कि क्या भाजपा हाई कमान बांगरमऊ सीट पर अपनी नाक बचा पाने को लेकर ससंकित है ?भाजपा की तरफ से फायरब्रांड नेता माने जाने वाले योगी आदित्यनाथ की रैली किसी भी सीट के लिए अहम मानी जाती है।ऐसे में आज की रैली के भाजपा के लिए कई मायने रखती है।लेकिन वास्तव में जनता के मन मे क्या है इसके लिए 10 नवम्बर तक सभी को इंतजार करना होगा।

 

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