बड़ी खबर: भूपेन्द सिंह मान ने खुद को कमेटी से किया अलग, बताई ये वजह…

किसान आंदोलन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी में जिन चार लोगों सो शामिल किया गया था उनमें से भूपेन्द सिंह मान ने खुद को अलग कर लिया है.

किसान आंदोलन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी (commitee) में जिन चार लोगों सो शामिल किया गया था उनमें से भूपेन्द सिंह मान ने खुद को अलग कर लिया है. भूपेन्द्र सिंह मान ने कमेटी (commitee) से खुद को अलग करते हुए कहा कि, मैं किसानों के साथ खड़ा हूं और इस कमेटी (commitee) का हिस्सा नहीं रहना चाहता हूं. वहीं किसानों ने पहले ही साफ कर दिया था कि, वो कमेटी (commitee) के सामने नहीं जाएंगे. ऐसे में अब एक सदस्य के निकल जाने से सुप्रीम कोर्ट का अगला कदम क्या होगा. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही सरकार और किसानों के वकील को फटकार लगाई है. ऐसे में अब कमेटी से भूपेन्द्र सिंह मान के निकल जाने के बाद उसका क्या रिएक्शन होगा.

कृषि कानून को लेकर पिछले 50 दिनों से दिल्ली सीमा पर डटे किसानों के साथ 15 जनवरी को सरकार के साथ 9वीं बार बैठक होने जा रही है. इसस पहले जितनी भी बैठकें सरकार के साथ हुई हैं वो बनतीजा साबित हुई हैं. सरकार कानूनों को वापस लेने से साफ इंकार कर दिया है तो वहीं किसान भी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं कि, कृषि कानूनों के वापसी तक वह घर नहीं जाएंगे. किसान और सरकार के बीच चल रही ये लड़ाई कहां पर जाकर खत्म होगी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है क्योंकि दोनों अपनी जिद पर कायम हैं. वहीं किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की तैयारियों में जुटे हुए हैं.

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पंजाब में ट्रैक्टर मार्च को लेकर किसानों ने ऐलान किया है कि, जो भी इस मार्च में शामिल नहीं होगा उसपर जुर्माना लगाया जाएगा. इसको लेकर विवाद शुरू हो गया है. ट्रैक्टर मार्च में शामिल होने से इंकार करने पर दो गावों के लोगों पर जुर्माने का ऐलान किया गया है. ये गांव हैं मोगा का राउक कलां और संगरूर का भल्लरहेड़ी है.

संगरूर के भल्लरहेड़ी गांव में किसान पर 2100 रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि मोगा के राउक कलां के लोगों से 1200 रुपये वसूले जाएंगे जो गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर मार्च में शामिल नहीं होंगे. संगरूर में यह ऐलान भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) समूह के नेताओं की उपस्थिति में गुरुद्वारा गांव से किया गया.

किसान संगठन की तरफ से कहा गया है कि, जो भी परिवार इस परेड में शामिल नहीं होगा उसके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा. घोषणा करते हुए ये भी कहा गया है कि, अगर जो भी किसान इस परेड में हिस्सा नहीं लेगा उसे भविष्य में किसान संगठनों से कोई भी मदद नहीं की जाएगी.

 

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