BIG BREAKING-‘मायावती के पास कितनी संपत्ति है, और किसकी हत्या की साजिश रच रही थीं, मैं सब जानता हूं’

लखनऊ। बसपा से निष्कासन के बाद मीडिया से रूबरू हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती और उनकी बातचीत की कुछ आॅडियो क्लिप जारी की. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि प्रत्याशियों से वसूली के लिए खुद मायावती ही कहती थीं. जिसका पालन मैं करता था.

लखनऊ में मीडिया के सामने आए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि आपको मकसद पता है. आज मैं जो भी घटनाक्रम हुआ है, उस पर थोड़ा पीछे जाकर के पूरी जानकारी देना चाहता हूं. जो भी कार्रवाई अनर्गल आरोप लगाकर, तथ्यों को छिपाकर मेरे, मेरे बेटे और मेरे साथियों के खिलाफ की गई है, उसका मैं खुलासा करूंगा.

इससे पहले मैं बताना चाहूंगा कि विधानसभा चुनाव के बाद मायावती ने दिल्ली में मुझे बुलाया. मेरे साथ मेरा बेटा अफजल भी था. मायावती ने मुझसे सबसे पहला सवाल यही किया कि मुसलमानों ने बीएसपी को वोट क्यों नहीं दिया? मैंने कहा कि असलियत यह है कि कांग्रेस और सपा गठबंधन से पहले मुसलमान हमारे साथ था लेकिन गठबंधन के बाद मुसलमान कंफ्यूज हुआ और बंट गया. हमें भी उसका वोट मिला लेकिन उतना नहीं.

इस पर वह बोलीं कि मैं आपकी बात से सहम​त नहीं हूं. हमने 1993 में सपा से गठबंधन किया तो हमें मुसलमान नहीं मिला. हमने 1996 में कांग्रेस से गठबंधन किया तो हमें मुसलमान नहीं मिला. इसके बाद मायावती ने उलटा सीधा बोलना शुरू कर दिया. इस पर मैंने कहा कि ये गलत है. मैंने कहा कि मैं किसी को मिलाने नहीं लाया.

इसके बाद बैलेंस करने के लिए वह धीरे आवाज में बोलीं तो अपर कास्ट ने, किसी ने वोट नहीं दिया. इसके बाद सभी को आरोपित करने लगीं. इसके बाद उन्होंने 19 अप्रैल को प्रदेश के सभी नेताओं के सामने मेरा नाम लिए बगैर मायावती ने कहा कि एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गठबंधन के कारण ऐसा हुआ. इससे वह सहमत नहीं हूं.

मायावती ने मुझे संपत्ति बेचकर पैसा देने को कहा

19 अप्रैल के बाद एक बार फिर मायावती का फोन मेरे पास आया. इस बार उन्होंने मुझे अकेले आने के लिए कहा. मैं मिलने गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी को पैसे की जरूरत है. मेरा जवाब था कि वह तो हमेशा ही रहती है. मायावती ने मुझसे कहा कि 50 करोड़ रुपए का इंतजाम करो. जब मैंने कहा कि 50 करोड़ कहां से लाउंगा तो उन्होंने मुझसे कहा कि अपनी प्रॉपर्टी बेच दो. मायावती ने कहा कि अपनी, रिश्तेदारों और करीबियों से पैसा जुटाओ, प्रॉपर्टी बेच दो. इसके बाद मैंने अपने दोस्तों रिश्तेदारों से कुछ पैसा इकट्ठा किया और उन्हें कहा कि इतना ही अभी इंतजाम हो पाया है. लेकिन वह भड़क गईं. इसके बाद मैंने पैसे का इंतजाम करने में असमर्थता जताई.

मायावती ने मुझे अपनी बेटी को दफनाने भी नहीं दिया

नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि मायावती जब बिल्सी से चुनाव लड़ रही थीं, उस दौरान सभी जिम्मेदारी मेरे पर ही थी. इस दौरान मेरी इकलौती बेटी बीमार हो गई. पत्नी का फोन आया कि फौरन आ जाओ, शायद बचेगी नहीं. मैंने मायावती से घर जाने की इजाजत मांगी. लेकिन उन्होंने जाने नहीं दिया. और कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं है. इसके बाद मेरी बेटी की मौत हो गई. लेकिन फिर भी उन्होंने उसकी अंत्येष्टि में जाने की नही दी. मैं नहीं गया और मेरी बेटी दफना दी गई.

‘पार्टी को 34 साल खून-पसीने से सींचकर यहां पहुंचाया है’

मैंने मंडी वाला केस भी उनके कहने पर अपने ऊपर ले लिया. आनंद कुमार और सतीश मिश्रा की मौजूदगी में मेरे साथ जो किया गया, मैं वो बता नहीं सकता. मैं जानता था कि मुझे एक दिन पार्टी से निकाला जाएगा. लेकिन जिस पार्टी को 34 साल खून-पसीने से सींचकर यहां तक पहुंचने का काम किया मैं उस पार्टी को कैसे छोड़ सकता था. आज मैं ही नही सारे देश के दलित, मुस्लिम व अपर कास्ट के लोग बाबा साहब के मिशन को बिखरते हुए देख रहे हैं.

‘सतीश चंद्र मिश्रा कर रहे हैं साजिश’

बसपा को सतीश चंद्र मिश्रा की साजिश के तहत मायावती व आनंद कुमार द्वारा समाप्त किया जा रहा है. दलित समाज का कोई व्यक्ति सीएम ने बन सके इसलिए इतिहास में सिर्फ अपना ही नाम लिखने के लिए मायावती बसपा को बर्बाद कर रही हैं. मनगढ़ंत आरोप लगकर मुझे व मेरे बेटे को निकाला गया. सतीश चंद्र मिश्रा ने अवैध बूचड़खाने का आरोप तो लगा दिया, लेकिन किसी एक का नाम तो बता दें.

नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया कि मायावती, सतीश चंद्र मिश्र व आनंद कुमार कांशीराम के सपने को चकनाचूर कर रहे हैं. जांचों व जेलो का डर व बसपा के विरोधियों से मिलकर सतीश मिश्रा ने बसपा के मिशन को समाप्त करने पर जुट गए हैं. उन्होंने कहा कि दलित समाज से अपील करता हूं कि इन लोगो से पार्टी को बचाए. पिछली राज्यसभा के बाद इस राज्यसभा में सतीश मिश्रा ने 200 करोड़ की अधिक संपत्ति घोषित की. सतीश मिश्रा बताएं कि ये घोषित संपत्ति कहा से आई.

 

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