ब्रिटिश पार्लियामेंट में गूंजी किसान आंदोलन की आवाज, भारत ने कहा बिना तथ्यों की गई चर्चा !

भारत में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर ब्रिटिश पार्लियामेंट (British Parliament) में चर्चा हुई है. इस चर्चा को लेकर भारत ने कड़ा रूख अख्तिहार किया है

भारत में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर ब्रिटिश पार्लियामेंट (British Parliament) में चर्चा हुई है. इस चर्चा को लेकर भारत ने कड़ा रूख अख्तिहार किया है. लंदन में भारतीय उच्चायोग ने इस मुद्दे पर चर्चा की कड़ी आलोचना की है. भारत ने ब्रिटिश संसद में चर्चा दौरान कहा कि एकतरफा और झूठे तथ्य रखे गए हैं. ब्रिटिश सरकार के मंत्री नाइजल एडम्स का कहना है कि कृषि कानूनों सुधार भारत का आंतरिक मूद्दा है.

भारत के आंतरिक मुद्द पर चर्चा करना निंदनीय

बता दें कि किसान आंदोलन को लेकर ब्रिटिश संसद (British Parliament) में एक याचिका पर लाखों हस्ताक्षर हुए. जिसके बाद इस मुद्दे पर बीते सोमवार को ब्रिटेन संसद (British Parliament) में जोरदार बहस हुई. इस बहस पर भारत के उच्चायोग ने अपना बयान जारी कर कहा कि ब्रिटिश संसद में जो बहस हुई, वो बिना तथ्यों के की गई. भारत दूनिया को सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, ऐसे में भारत के आंतरिक मुद्दे पर चर्चा करना निंदनीय है.

भारत सरकार जल्द ही सकारात्मक परिणाम निकालेगी- ब्रिटिश सरकार

ब्रिटेन सरकार में मंत्री नाइजर एडम्स ने कहा भारत-ब्रिटिश की दोस्ती पुरानी है. दोनों ही देश आपसी सहयोग से द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं. नाइजर एडम्स ने उम्मीद जताई की भारत सरकार आंदोलन कर रहे किसान संगठनों से जल्द बातचीत कर कोई सकारात्मक परिणाम निकालेगी.

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किसान आंदोलन को 100 दिनों से लगातार जारी

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में उत्तर प्रदेश हरियाणा, पंजाब, राजस्थान समेत भारत के कई राज्यों के किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर आंदोलनरत हैं. किसान के इस आदोंलन को 100 दिन से ज्यादा हो गया है.

बता दें कि किसान संगठनों की मांग है कि केंद्र सरकार नए तीनों कृषि कानूनों को वापस लें और एमएसपी पर कानून बनाए, वहीं सरकार कृषि कानूनों में संसोधन करने पर अड़ी हुई है.

 

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