BSP के खाते में 104 करोड़ रुपये: मायावती ने कहा- बदले की कार्रवाई कर रही है केंद्र, नियमों के मुताबिक पैसे जमा करवाए, चंदे के पैसे को क्‍या हम फेंक देते

mayawati-24नई दिल्‍ली। नोटबंदी के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बैंक खाते में 104 करोड़ रुपये जमा होन के खुलासे के बाद सवाल उठने पर पार्टी सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि हमारे पास कालाधन नहीं है। मायावती ने बीएसपी बैंक खाते में जमा की गई नकदी के बारे में ईडी के खुलासे के बाद केंद्र पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।

बैंक में जमा रुपयों पर मायावती ने कहा कि बीएसपी ने नियमों के हिसाब से ही बैंकों में पैसे जमा करवाए हैं। सभी जमा नियमों के तहत है, धन नोटबंदी से पहले जमा किया गया था। पार्टी को बड़े नोटों में ही रकम मिलती है। पार्टी को पुराने नोटों में ही चंदा मिला। हमारे पास बैंक में जमा एक-एक पैसे का हिसाब है। हमारे पास जमा पैसों का क्‍या फेंक देते? हमारे पास बैंक में जमा एक-एक रुपये का हिसाब है लेकिन भाजपा ने जो रुपये जमा किए हैं उसका क्या।

उन्‍होंने कहा कि मैं अगस्‍त से नवंबर तक यूपी में ही थी। बैंको में जमा पैसा पार्टी की मेंबरशिप का है। अगस्‍त के दौरान मेंबरशिप का पैसा आया। चुनाव के लिए देशभर से पैसे जमा हुए थे। ये पैसा नोटबंदी के फैसले से पहले जमा हुआ था। बीजेपी के इशारे पर हमारे खिलाफ ये कार्रवाई हुई है। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि बड़े मुद्रा नोटों में सदस्यता शुल्क को रखने से धन लाने-ले जाने में आसानी होती है। वह खुद इस धनराशि का हिसाब-किताब करती हैं। चूंकि वह अगस्त, सितम्बर और आधे नवम्बर तक उत्तर प्रदेश में ही रहीं। इसी बीच, आठ नवम्बर को नोटबंदी का ऐलान हो गया। उसके बाद उन्होंने दिल्ली जाकर पूरे देश से आई सदस्यता शुल्क का हिसाब देखा और फिर उस धनराशि को बैंक में जमा कराया। इसमें कुछ गलत नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि कल कुछ चैनलों और अखबारों के जरिये बसपा द्वारा बैंक में जमा करायी गयी धनराशि के बारे में जो खबर आई है, उस बारे में उनका कहना है कि बसपा ने अपने नियमों के मुताबिक ही एकत्र सदस्यता शुल्क को एक ‘नियमित प्रक्रिया’ के तहत हमेशा की तरह बैंक में जमा कराया है।

मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार अधिकारों का दुरुपयोग कर रही है। बसपा पर बदले की कार्रवाई के तहत केंद्र सरकार अपनी मशीनरी का गलत इस्‍तेमाल कर रही है। नोटबंदी का फैसला बिना किसी तैयारी के लिया गया। मायावती ने आरोप लगाया कि भाजपा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बसपा की छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। केंद्र की ये कार्रवाई बीएसपी की छवि धूमिल करने की कोशिश है। बीजेपी के इशारे पर बीएसपी की छवि को खराब किया जा रहा है। बसपा प्रमुख ने कहा कि बीजेपी की मानसिकता दलित विरोधी है। नोटबंदी की वजह से जनता परेशान है। यूपी में मेरी सत्‍ता में पूंजीपतियों का राज खत्‍म हो गया। अब बीजेपी नहीं चाहती कि यूपी की सत्‍ता मुझे मिले।

मायावती ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी नोटबंदी के बाद अपने खातों में जमा रकम के बारे में बताए। बीजेपी नोटबंदी के दस महीने पहले का अपना बैंक स्‍टेटमेंद दे। बीजेपी और दूसरी पार्टियों ने भी बैंकों में पैसे जमा करवाया है। पीएम मोदी अपनी पार्टी के पैसों की जानकारी दें। मायावती ने दावा किया कि नोटबंदी के कारण बौखलाये भगवा दल की इस घिनौनी हरकत से बसपा को ही राजनीतिक फायदा होगा। मायावती ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनावी वादाखिलाफी और नोटबंदी के कारण हो रही हार से दुखी केन्द्र की भाजपा नीत नरेन्द्र मोदी सरकार के लोग प्रशासनिक मशीनरी का दुरपयोग कर बसपा और उसके सर्वोच्च नेतृत्व की छवि खराब करने की कोशिश में लगे हैं।

मायावती ने यह भी कहा कि मेरे भाई आनंद कुमार ने आईटी के नियमों का पालन किया है। भाई पर गलत आरोप लगाकर फंसाया गया। मेरा भाई कारोबारी है, उसे परेशान किया जा रहा है। साल 2007 में भी मेरे ऊपर गलत आरोप लगाए गए थे।

मायावती ने दावा किया कि सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने सपा और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर भाजपा के षड्यंत्र का जो पर्दाफाश किया, उससे भाजपा के लोग बुरी तरह बौखला गये हैं, इसी कारण उन्होंने कल ही हमारी पार्टी और परिवार के लोगों के बारे में घिनौनी हरकत की है। इससे बसपा को और भी राजनीतिक फायदा होगा। ये लोग घर बैठे हमारी सरकार बनाने वाले हैं। इसके लिये मैं उनका आभार प्रकट करती हूं।

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने बसपा से संबंधित एक खाते में 104 करोड़ रुपये और पार्टी प्रमुख मायावाती के भाई आनंद के खाते में 1.43 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि जमा कराए जाने का पता लगाया है। जांच और सर्वेक्षण अभियान के तहत सोमवार को यूनियन बैंक की दिल्ली स्थित करोल बाग शाखा में छानबीन के दौरान पाया गया कि नोटबंदी के बाद इन दो खातों में बड़े पैमाने पर रकम जमा कराई गई।

मायावती ने कहा कि उनके छोटे भाई आनन्द कुमार से मिली जानकारी के मुताबिक उनका कहना है कि उन्होंने भी आयकर के नियमों के अनुरूप ही बैंक में धनराशि जमा करायी है। इसे बवंडर बनाया जा रहा है। इस सबको भाजपा के लोग कुछ अखबारों और चैनलों से ऐसे प्रदर्शित करा रहे हैं जैसे यह काला धन हो। उन्होंने दावा किया कि उन्हें खास सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि भाजपा बसपा के प्रभावशाली लोगों को शिथिल करने के लिये सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर उन्हें परेशान कर सकती है। कुछ को परेशान किया भी जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि जिस अवधि में बसपा और आनन्द कुमार के खातों में धन जमा होने की बात कही जा रही है, उसी दौरान भाजपा सहित अन्य पार्टियों ने भी अपना धन बैंकों में जमा कराया है, लेकिन उनकी चर्चा नहीं होती है और ना ही मीडिया में खबरें आती हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी यह बताएं कि अगर उनमें थोड़ी सी भी सचाई और ईमानदारी है तो वे अपनी पार्टी के आठ नवम्बर से पहले के 10 महीनों के दौरान और नोटबंदी के बाद खाते में जमा कराये गये धन तथा खरीदी गयी सम्पत्ति के बारे में खुलासा करें। मायावती ने कहा कि दलित विरोधी मानसिकता रखने वाली भाजपा और जातिवादी मानसिकता वाले अन्य लोग यह कतई नहीं चाहते हैं कि एक दलित वर्ग की बेटी के हाथों में देश और उत्तर प्रदेश की राजनीतिक सत्ता की मास्टर चाबी आए। मायावती ने ताज कॉरिडोर प्रकरण पर भी खुलकर बोलते हुए कहा कि लोकसभा और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा को नुकसान पहुंचाने के लिये साजिश के तहत अक्सर ताज कॉरिडोर प्रकरण का इस तरह जिक्र किया जाता है जैसे बसपा मुखिया ने उसमें कोई बड़ा घोटाला किया हो। उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ताज प्रकरण के बारे में अक्सर बोलते हैं। अब केन्द्र में उनकी पार्टी की सरकार है, अब वह देख लें कि मामला क्या है।

 

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