बड़ी खबर: BSP के एक दलित नेता ने तहसील परिसर में खाया जहर, सुसाइड नोट में बताई ये वजह…

प्रशासनिक अधिकारियों की बदजुबानी और कार्यशैली से तंग आकर एक दलित नेता ने जहर खाकर अपनी जान दे दी।

प्रशासनिक अधिकारियों की बदजुबानी और कार्यशैली से तंग आकर एक दलित नेता ने अपनी जान दे दी। मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बदायूं (Badaun) जिले का है, जहां सहसवान तहसील क्षेत्र के बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) नेता हरवीर सिंह ने शनिवार को तहसील परिसर में ही सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या (suicide) कर ली। रविवार दोपहर बाद मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया।

बसपा नेता ने दो पेज का सुसाइड नोट (suicide Note) भी छोड़ा है और पूरे मामले के लिए उपजिलाधिकारी (एलडीएम) सहसवान और रजिस्ट्रार कानूनगो को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही दोनों दोषी अधिकारियों को सजा दिलवाने की भी गुहार लगाई है। इसके अलावा हरवीर सिंह ने अपने करीबी को फोन पर सल्फास खा लेने की बात बताई थी, जिसका ऑडियो भी वायरल हो रहा है।

पुलिस को दी गई तहरीर में मृतक बीएसपी नेता के भाई जयवीर सिंह ने कहा है कि गांव रसूलपुर डांस का रहने वाला हरवीर सिंह बीएसपी का तहसील अध्यक्ष था। वर्ष 2006 में हरवीर सिंह को जमीन का पट्टा आवंटित किया गया था, जिसको संक्रमणीय भूमिधर में दर्ज कराने के लिए वह तहसील के चक्कर लगा रहा था, लेकिन उप जिलाधिकारी और रजिस्ट्रार कानूनगो उससे 50 हजार रुपये रिश्वत मांग रहे थे।

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मृतक के भाई ने आरोप लगाते हुए कहा कि शनिवार को एसडीएम सहसवान किशोर गुप्ता ने हरवीर सिंह के साथ बदसलूकी की। इतना ही नहीं, उन्होंने उनके भाई को जेल भेज देने की धमकी भी दी। एसडीएम के ऐसे व्यवहार से हरवीर सिंह इतना दुखी हुआ कि उसने तहसील परिसर में ही सल्फास खाकर आत्महत्या (suicide) कर ली। उसने खुद अपने परिजनों को जहर खा लेने की बात फोन पर बताई। आनन फानन में उसे इलाज के लिए अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

बसपा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की मौत के मामले पर बदायूं के एसएसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने संबंधित कानूनगो को निलंबित कर दिया है और उन्होंने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश भी दिए हैं।

मामले की जांच एडीएम राजस्व-वित्त नरेंद्र बहादुर सिंह को सौंप दी गई है। साथ ही भूमि का पट्टा मृतक के परिजनों को आवंटित किया जा रहा है। साथ ही अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मृतक के परिवार की ज्यादा से ज्यादा सहायता की जाएगी। उन्हें कांशीराम आवास में एक आवास दिया जाएगा और पत्नी को कांट्रेक्ट बेस पर नगर पालिका में नौकरी दिलवाई जाएगी।

 

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