बक्सर: गैंगरेप मामले में सामने आया एक और हैरतअंगेज़ खुलासा

जिले के मुरार थाना क्षेत्र के ओझाबराव गांव की रहने वाली महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसके 5 वर्षीय बेटे की हत्या में पुलिस ने तफ्तीश पूरी करते हुए मामले का खुलासा किया है।

जिले के मुरार थाना क्षेत्र के ओझाबराव गांव की रहने वाली महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसके 5 वर्षीय बेटे की हत्या में पुलिस ने तफ्तीश पूरी करते हुए मामले का खुलासा किया है।

बक्सर जिला के ओझाबराव गांव में गैंग रेप वारदात को पुलिस ने विराम लगाते हुए गैंग रेप की कहानी पर पूर्ण बिराम लगा दिया है।पुलिस ने एक नया खुलासा करते हुए इस घटना के सम्बंध में बताया कि ये प्रेम प्रसंग का मामला है, जिसमे मासूम की जान चली गई थी। इस पूरे मामले पर पीड़ित महिला को घटना के बाद किसी मीडिया कर्मी से मिलने नहीं दिया गया। परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस इस मामले पर महिला तथा पिता से ना मिलने दे रही है ना ही बात करने दे रही है। इस पर भी सस्पेंस बरकरार है।

जिले के मुरार थाना क्षेत्र के ओझाबरांव गांव की दलित महिला के साथ गैंगरेप नहीं, रेप हुआ था। मेडिकल रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है। वहीं पुलिसिया अनुसंधान में यह बात खुलकर सामने आई है कि सारा मामला प्रेम प्रसंग का है। यानी, पीड़ित महिला ने गैंगरेप की झूठी कहानी गढ़ी थी, जिसमें उसका पिता भी शामिल था। इस मामले में हुई दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद सब कुछ खुल गया। दोनों लोगों को आज जेल भेज दिया गया।

बताते चलें कि बीते 11 अक्टूबर की तड़के ओझा बरांव निवासी राज कुमार राम की तीस वर्षीया शादीशुदा बेटी और उसका बेटा गांव के पास ही एक आहर में मिले थे। दोनों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डाॅक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इस मामले में महिला ने पुलिस को बताया था कि गांव के ही दो लोगों ने तीन अज्ञात लोगों के साथ मिलकर उसे अगवा कर लिया और गैंगरेप किया। साथ ही उसके बच्चे को उसके सामने ही मार डाला।

इस घटना के सामने आते ही बवाल मच गया। पीड़िता के बयान पर उसी के गांव के भीम यादव और मीना राम के अलावा तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। तत्काल मीना राम को पकड़कर जेल भी भेज दिया गया। लेकिन, पुलिस ने जब अनुसंधान शुरू किया तो माजरा कुछ और निकला। महिला के मोबाइल लोकेशन से पता चला कि 10 अक्टूबर को वह अपने आशिक के संग राजपुर थाने के सोनपा गांव में थी। दरअसल, महिला का राजपुर थाने के ओरा निवासी चुलबुल राजभर से प्रेम संबंध है, जो छह माह पहले शुरू हुआ था। चुलबुल की ओझा बरांव में रिश्तेदारी है और हार्वेस्टर लेकर वह अक्सर वहां आया-जाया करता था। इसी बीच दोनों के बीच प्रेम हुआ।

पुलिस के मुताबिक घटना के दिन चुलबुल अपने गांव के ही दोस्त रवि के साथ ओझा बरांव पहुंचा था। तब पीड़िता घर से बैंक जाने के लिए अपने पांच वर्षीय इकलौते बेटे के साथ निकली थी और सड़क पर खड़ी थी। रवि और चुलबुल वहां बाइक से पहुंचे और उसे साथ लेकर राजपुर थाने के सोनपा चले गए, जहां चुलबुल की बहन ब्याही है। महिला को उसने अपने बहनोई राधेश्याम राजभर के घर दिन भर रखा। आधी रात हुई तब चुलबुल ने महिला से कहा कि उसके पिता की तबियत खराब है और एक ऑटो के जरिये उसे लेकर ओझा बरांव के लिए चल पड़ा। साथ में रवि और राधेश्याम भी थे।

दो घंटे बाद सभी ओझा बरांव नहर के पास पहुंचे, जहां महिला उतर गई। इस बीच चुलबुल का उससे विवाद हो गया। पुलिस के अनुसार इसी विवाद में संभव है कि सबों ने महिला और उसके बेटे को पानी में फेंक दिया हो, जिससे बच्चे की मौत हो गई हो। वैसे यह बात अभी तक साफ नहीं हो पाई है कि बच्चा पानी में कैसे गया? पुलिस के अनुसार चूंकि पीड़िता अभी सदमे में है, इसलिए पुलिस उससे पूछताछ नहीं कर रही। लेकिन” एसपी नीरज कुमार सिंह ने कहा कि मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए उससे भी पूछताछ की जाएगी। यदि वह दोषी पाई गई तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। वैसे भी महिला की मनगढ़ंत कहानी ने बक्सर पुलिस की राष्ट्रीय स्तर पर खासी फजीहत कराई है।

गैंगरेप मामले मे पुलिस के लिए मोबाइल मददगार साबित हुई, जब पीड़ित परिवार के द्वारा ये कहा गया की लड़की का फ़ोन दिन में फ़ोन ग्यारह बजे ही बंद हो गया था ऐसे मे पुलिस ने जब फ़ोन की जाँच करवाई तो पता चला की पीड़ित महिला का फ़ोन रात मे बारह बजे तक चालु था, ऐसे मे फ़ोन के मध्याम से पुलिस राजपुर थाने के सोनपा पहुँची तों पुलिस को इस बात जानकारी मिली की लड़की रात में अपने बच्चे के साथ यहाँ आइ हुई थीं और लड़के की बहन के पास ठहरी हुई थीं। लेकिन लड़के के परिवार वाले ने फिर उसको उसके घर भेज दिया, जबकि लड़की जाने को घर राज़ी नही थी।

पुलिस यहीं से बातें समझने लगी और फिर उसने इन पीड़ित महिला से सवाल किया तो उसने ये स्वीकार करना शुरू किया। बक्सर पुलिस कप्तान नीरज कुमार सिंह की माने तो मासूम की जान कैसे गाई ये अभी बड़ा सवाल है, क्यों की इन पीड़ित महिला का प्रेमी महिला को उसके घर छोड़ने के लिए जाता है तो गाँवों से पहले आहर पर दोनों मे झड़गड होता है, ऐसे मे महिला ये बताती है की घर पहुँचाने वाले महिला के प्रेमी और उसके सहयोगियों ने मिलकर उसे और उसके बेटे को आहर मे फेक दिया। लेकिन पुलिस अभी इसे सत्य भी मान कर चल रही है। पुलिस बताती है कीं इस घटना में लड़की पर से सवाल करना इस समय कठिन है, क्योंकी जो भी हो एक माँ ने अपना बेटा खोया है। मां किसी सूरत में अपने बेटे की हत्या नहीं कर सकती और लड़की अभी इस सवाल के लिए तयार नहीं है।

चाहे जो भी हो अभी भी परिजनों का आरोप है की पुलिस पीड़िता को नजरबंद किया है। मगर सवाल अभी भी है की बच्चे की हत्या कैसे हुई और किसने की, मुख्य आरोपी अभी भी फरार है।

 

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