CWG में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर लौटीं पूनम यादव, पड़ोसियों ने की मारपीट

वाराणसी। 21वें कॉमनवेल्थ खेलों में भारत को वेटलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक दिलाने वाली खिलाड़ी पूनम यादव के साथ उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मारपीट की घटना सामने आई है. सोना जीतकर स्वदेश पहुंचीं बेटी के साथ ऐसी वारदात होगी, उन्होंने सोचा भी नहीं होगा.

पूनम और उनकी मौसेरी बहन के साथ शनिवार को वाराणसी के रोहनिया में मारपीट हुई. यह मारपीट पूनम की मौसेरी बहन और उनके पड़ोसियों के बीच हुई थी. पूनम इस लड़ाई में बीचबचाव करने उतरीं तो उनके साथ भी बदसलूकी की गई.

जानकारी के मुताबिक पूनम यादव रोहनिया में अपने मौसी के घर गई थीं. उनकी मौसी के घरवालों और उनके पड़ोसियों के बीच किसी बात पर लड़ाई शुरू हो गई. झगड़ा बढ़ता देखकर पूनम ने दोनों पक्षों के लोगों को रोकने की कोशिश की तो पड़ोसियों ने पूनम और उनके रिश्तेदारों पर ईंट-पत्‍थर से हमला कर दिया.

बताया जा रहा है कि इन लोगों के बीच पुराना विवाद था, जिसकी चपेट में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पूनम भी आ गईं. पूनम की मौसेरी बहन का कहना है कि गांव के प्रधान और पड़ोसियों ने मिलकर उनपर हमला किया.

ANI UP

@ANINewsUP

Weightlifter Poonam Yadav, who won a gold medal in the , complained to police that she was attacked by neighbours of her aunt following an argument with them in Rohaniya

इस मामले में पूनम और उनके रिश्तेदारों की ओर से पुलिस में शिकायत की गई है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. आपको बता दें, पूनम यादव ने कुछ ही दिन पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में वेटलिफ्टिंग में 69 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. पूनम ने कुल 222 किलोग्राम (स्नैच में 100 किलोग्राम, क्लीन एंड जर्क में 122 किलोग्राम) किलो वजन उठाया.

एक ही दिन पहले पहुंची थीं वाराणसी

पूनम शुक्रवार को ही वाराणसी पहुंची थीं, यहां पर उनका जोरदार स्‍वागत हुआ था. पूनम का घर वाराणसी शहर से करीब 7 किलोमीटर दूर बसे दादूपुर गांव में है. गांव में जन्‍मीं और पली-बढ़ी पूनम ने अपना सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन करते हुए 222 किलोग्राम वजन उठाया. पूनम ने कहा था कि देश के लिए गोल्‍ड मेडल जीतना गर्व की अनुभूति है, यह मेडल देश और वाराणसी को समर्पित है.

अभावों के रास्ते से पाई सफलता

आपको बता दें कि पूनम के परिवार की आर्थिक हालत बहुत अच्छी नहीं रही है और उन्होंने अभावों के बाद यहां तक का मुकाम हासिल किया है. इससे पहले पूनम ने ग्लास्गो में 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में 63 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीता था. पूनम का जन्म वाराणसी के एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था. उनके पिता कैलाश नाथ यादव दूध बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते थे. उनके घर की स्थिति ऐसी थी कि कई बार चूल्हा तक नहीं जलता था.

भैंस पालती थीं अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

एक समय में पूनम घर में भैंसों की देखरेख करती थीं. ऐसे हालात में उन्होंने वेटलिफ्टिंग शुरू की. मजबूत इरादों वाली पूनम ने जैसे ही वेटलिफ्टिंग को अपना करियर चुना, उसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी बड़ी बहन के कहने पर भारोत्तोलन अपनाया और 2014 में भारतीय टीम के शिविर में आई. मेरे पिता ने मेरे प्रशिक्षण के लिए कर्ज लिया था.’

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button