CWG 2018 : गोल्ड जीतने के बाद भी क्यों रोईं संजीता चानू
गोल्ड कोस्ट। कभी लगातार दो बार स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी को पदक समारोह के बाद दुखी देखा है, लेकिन भारोत्तोलक संजीता चानू उदास थी कि वह कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकार्ड नहीं तोड़ सकी. चानू ने सौ फीसदी फिट नहीं होने के बावजूद 53 किलो वर्ग में स्नैच का रिकार्ड तोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीता. उसने कहा कि वह दुखी है कि क्लीन एंड जर्क का रिकार्ड नहीं तोड़ सकी. उसने कहा, ‘यदि आखिरी लिफ्ट में गलती नहीं होती तो मैं खेलों का रिकॉर्ड बना लेती. मैं वह करना चाहती थी, लेकिन चूक गई और इसका दुख है, लेकिन चलता है.’
चानू क्लीन एंड जर्क में आखिरी प्रयास में 113 किलो वजन उठाना चाहती थी, लेकिन नहीं उठा सकीं. उन्होंने कहा, ‘मैं क्लीन लिफ्ट में थोड़ी अकड़ गई थी, जिससे जर्क में ठीक से पुश नहीं कर सकी.’ उन्होंने 2014 ग्लास्गो खेलों में 48 किलोवर्ग में स्वर्ण पदक जीता था. चानू पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप से कमर की तकलीफ से जूझ रही है.
उसने कहा, ‘इस चोट के कारण मैं कड़ा अभ्यास नहीं कर सकी. मुझे अच्छा सहयोग मिला, जिससे प्रेरणा बनी रही. मैं स्पर्धा से पहले 15 दिन ही अभ्यास कर सकी. अभी भी पूरी तरह फिट नहीं हूं और फिजियो को भी प्रतिस्पर्धा स्थल पर आने की अनुमति नहीं मिली.’
#CommonwealthGames 2018: India’s #SanjitaChanu bags gold in 53kg Women’s Weightlifting category. #CWG18#GC2018Weightlifting pic.twitter.com/gSP4bB0RuY
— All India Radio News (@airnewsalerts) April 6, 2018
पदक समारोह के दौरान रो पड़ी चानू ने कहा, ‘महीनों का दबाव आखिरकार छलक गया. मुझे खुशी है कि मैं उन लोगों को गलत साबित कर सकी, जिन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में दूसरे स्थान पर रहने के कारण मैं पदक नहीं जीत सकती.’
India’s gold tally has been gaining momentum. Courtesy, Sanjita Chanu. Watch it here. #RangDeTiranga#WeLIVtoEntertain #GC2018 pic.twitter.com/2TbTdhNFax
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भारत अब पदक तालिका में तीसरे स्थान पर आ गया है. उसके हिस्से दो स्वर्ण और एक रजत पदक हैं. यह तीनों पदक भारत को भारोत्तोलन में मिले हैं. पहले दिन गुरुराज ने भारत को पुरुषों की 56 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में रजत पदक दिलाया था.
Congratulations #SanjitaChanu . You made India proud again. #secondgoldmedal #CWG2018#GC2018Weightlifting pic.twitter.com/xdj3ribNfj
— kruthika Patil (@kruthikaPatil1) April 6, 2018
सचिता ने ग्लास्गो में 2014 में खेले गए राष्ट्रमंडल खेलों में भी भारत को स्वर्ण दिलाया था, लेकिन तब वह 48 किलोग्राम भारवर्ग में पीला पदक जीतने में सफल रही थीं.
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