धनतेरस इस साल 12 या 13 नवंबर को? ये है सही दिन
धनतेरस का पर्व धन और स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। इस दिन धन के लिए कुबेर और स्वास्थ्य के लिए धनवन्तरी की उपासना की जाती है।
धनतेरस का पर्व धन और स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। इस दिन धन के लिए कुबेर और स्वास्थ्य के लिए धनवन्तरी की उपासना की जाती है। इसी दिन धनवन्तरी अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन सम्पन्नता, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिये लोग धातु, आभूषण और बर्तन खरीदते हैं। इस दिन दान का भी बहुत महत्व है।
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ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 12 नवंबर को रात 9.30 बजे तक द्वादशी तिथि है। इसीलिए गुरुवार को दिन धनतेरस की पूजा नहीं की जा सकती। 13 नवंबर शुक्रवार को शाम को 5 बजकर 59 मिनट तक त्रयोदशी है। प्रदोष काल होने के कारण धनतेरस की पूजा 13 नवंबर को करना शुभ है।
जान लीजिए ये बातें…
वास्तु के अनुसार घर का ईशान कोण सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसे देवताओं का स्थान कहते हैं। इसलिए हर घर में आमतौर पर मंदिर इसी कोण में बना होता है। घर का ईशान कोण उत्तर-पूर्व कोण को कहते हैं।
धनतेरस के दिन इस कोण की सफाई जरूर करनी चाहिए। घर का यह क्षेत्र यदि गंदा है या इस जगह पर ऐसी चीजें रखी हैं, जिनका आप कभी इस्तेमाल ही नहीं करते, तो ऐसे घर में मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती। इसलिए अपने घर के ईशान कोण को हमेशा साफ रखना चाहिए।
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