डायबिटीज के मरीज इन बातों का रखें खास ध्यान, खान-पान में शामिल करें ये चीजें

शरीर में इन्सुलिन हार्मोन के स्रावण में कमी से डायबिटीज रोग होता है। डायबिटीज आनुवांशिक या उम्र बढ़ने पर या मोटापे के कारण या तनाव के कारण हो सकता है।

शरीर में इन्सुलिन हार्मोन के स्रावण में कमी से डायबिटीज रोग होता है। डायबिटीज आनुवांशिक या उम्र बढ़ने पर या मोटापे के कारण या तनाव के कारण हो सकता है। आइए आज हम आपको डायबिटीज में खान-पान का ख्याल रखने का तरीका बताते हैं…

-सुबह 6-7 बजे उठने पर अपने दिन की शुरुआत रात को भिगोए 6-7 बादाम से करें। रात के लंबे गैप में बढ़े शूगर लेवल को कंट्रोल रखने में छोटा-सा स्नैक उपयोगी होता है। सुबह जल्दी नाश्ता करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक रहेगा। इसमें रोटी या एक कटोरी दलिया, पोहा, व्हीट ब्रेड दो स्लाइस, वेज सैंडविच, इडली-वड़ा, डोसा, उत्तपम ले सकते हैं। सुबह में एक कप दूध और पनीर या अंडा ले सकते हैं।

-लंच (1-2 बजे) व डिनर (8-9 बजे) में दो चपाती या एक कटोरा चावल के साथ एक कटोरी दाल व एक कटोरी सब्जी, साथ में सलाद व दही लें। दाल के अलावा प्रोटीन के लिए पनीर, भिगोया चना या मूंग ले सकते हैं। ग्रिल्ड चिकन या मछली भी ले सकते हैं। प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने से आपको कार्बोहाइड्रेट लेने की इच्छा कम होगी। यह धीरे-धीरे पचती है, इसलिए जल्दी भूख भी नहीं लगती है।

-नियमित रूप से भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां का सेवन करना फायदेमंद है। इनमें करेला, मेथी, चैलाई, पालक, बैंगन, बींस, मटर, गोभी, गाजर आदि खाना बेहतर है। सब्जियों में आलू, अरबी, मीठा आलू जैसी स्टार्च से भरी कार्बोहाइड्रेट वाली चीजें कम लें।

-सलाद फाइबर का अच्छा स्रोत है। यह ग्लूकोज लेवल कंट्रोल करता है। सलाद में दही में मिलाकर रायता भी बना सकते हैं।

-रोजाना दो मौसमी फल का सेवन करें। फाइबर से भरपूर फल धमनियों में कोलेस्ट्राॅल जमने से बचाते हैं। शूगर लेवल भी कंट्रोल करते हैं। पपीता, तरबूज, खरबूजा, सेब जैसे फल 200-250 ग्राम तक ले सकते हैं। केला, आम, चीकू, अंगूर, खजूर, शरीफा जैसे शर्करा से भरपूर फल सप्ताह में एक बार से ज्यादा न लें।

-डीप फ्राइड व ऑयली फूड से परहेज करें। इससे मोटापा, कोलेस्ट्राॅल, किडनी और हृदय रोग जैसी की समस्याओं से बचा जा सकता है। फ्राइड चीजों के बजाय ग्रिल्ड या रोस्टेड चीजें लें। प्रतिदिन में दो चम्मच तेल का उपयोग करें।

-चीनी, गुड़, शहद, गन्ना, फलों का जूस, मिठाई, केक-पेस्ट्री, आइसक्रीम, कैंडी से परहेज करें। आर्टिफिशयल शूगर भी नहीं खानी चाहिए। केमिकल्स से बनी ये आर्टिफिशयल शूगर नसों को कमजोर करती हैं और शूगर लेवल बढ़ाती हैं।

-रात में डिनर में कैलोरी कम लें। चावल और साबूत दालों का सेवन कम करें।

-मल्टी ग्रेन आटा बेहतर होगा। इसमें गेहूं, चना, दलिया, रागी, जौ, ज्वार, सोयाबीन, चिया के बीज, मकई आदि को शामिल कर सकते हैं। मैदा और उससे बनी चीजों से परहेज करें। रिफाइंड व्हाइट राइस के बजाय ब्राउन राइस बेहतर होगा।

 

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