फतेहपुर : पराली जलाने वाले किसानों पर डीएम ने उठाया ये सख़्त कदम

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में किसान खेतों में पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। जिसके रोकथाम के लिए डीएम संजीव सिंह ने जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को समझा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में किसान खेतों में पराली जलाने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। जिसके रोकथाम के लिए डीएम संजीव सिंह ने जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को समझा रहे हैं। गुरुवार को असोथर और थरियांव थाने में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर जिलाधिकारी संजीव सिंह ने ग्राम प्रधानों और गांव के चौकीदारों पर जिम्मेदारी तय करते हुए किसानों को जागरूक करने के लिए उनकी भी भागीदारी तय की है।

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डीएम संजीव सिंह का कहना है कि किसानों की ओर से अगर पराली जलाई जाएगी तो केस दर्ज करने के बाद भी 2500 रुपये से लेकर 15000 रुपये तक के अर्थदंड से दंडित किया जाएगा और इसके अलावा सरकारी मुनाफे से भी किसानों को वंचित रखा जाएगा। बता दें की खेतों में पराली जलाने को लेकर सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक भी सख्त है, लेकिन किसान इस सख्ती के बावजूद भी बाज नही आ रहे हैं।

यूपी सरकार के सख्ती एवं कृषि विभाग के आदेश के बाद डीएम संजीव सिंह ने राजस्व कर्मियों पर भी नकेल कसी है। हल्का लेखपाल, क़ानूनगो की भी जवाबदेही तय की है। अगर किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने की घटनाएं सामने आती है तो मामले के सत्यापन में लापरवाही बरतने पर सीधे लेखपाल और कानूनगो के खिलाफ भी कार्यवाई की जाएगी।

डीएम ने किसान जागरूकता कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कई विभाग के संयुक्त समिति का भी गठन किया है। कृषि विभाग, राजस्व विभाग, पंचायत विकास विभाग एवं विभाग के ग्राम स्तर पर पराली जलाने के सम्बंध में जागरूकता गोष्ठियां आयोजित कर किसानों को जागरूक करने का काम करेगा।

बढ़ते प्रदूषण से पर्यावरण को बचाने के लिए फसल अवशेष जलाने वाले पर कृषि विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रतिदिन सेटेलाइट के जरिये पराली जलने की प्राप्त सूचनाओं के आधार पर सत्यापन कर दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ जुर्माना, सरकारी सुविधाओं, अनुदान आदि से वंचित करने के साथ ही नियमानुसार कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। अब देखने वाली बात होगी की फतेहपुर जिले में डीएम के इस जागरूकता कार्यक्रम के बाद खेतो में पराली जलाने की घटनाओ में कितनी कमी आती है।

 

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