ED का हलफनामा- कार्ति पर 54 मामलों में चल रही जांच, चिदंबरम की भूमिका भी घेरे में

नई दिल्ली। पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम मामले में ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया है. हलफनामे में बताया गया है कि अभी FIPB के तहत 54 मामलों में जांच चल रही है. आगे भी कार्ति के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी. इनमें से अधिकांश मामले यूपीए सरकार के दौरान के ही हैं. ईडी के अनुसार, ये फाइलें 2004 से 2009 और 2012 से 2014 के बीच की हैं. इन मामलों में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के रोल की भी जांच की जा रही है.

कल होगी इस मामले की सुनवाई

गौरतलब है कि कार्ति चिदंबरम INX मीडिया मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. कार्ति ने इस मामले में ईडी के समन के खिलाफ याचिका दायर की है. याचिका में कार्ति की ओर से कहा गया है कि ईडी और सीबीआई ने इस मामले में अभी तक उनसे जो भी पूछताछ की है, वह मसला एफआईआर में दर्ज ही नहीं है. इस मामले की सुनवाई मंगलवार को हो सकती है. गौरतलब है कि कार्ति 5 दिन की रिमांड पर हैं, उनकी रिमांड 6 मार्च को पूरी हो रही है.

रविवार को सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम और आईएनएक्स कंपनी की मालिक इंद्राणी मुखर्जी को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की थी. जानकारी के मुताबिक इस पूछताछ में इंद्राणी ने सीबीआई अधिकारियों की पूछताछ में कार्ति पर लगे आरोपों को दोहराया. उन्होंने कहा कि वह और उनके पति पीटर मुखर्जी तत्कालीन वित्त मंत्री (पी. चिदंबरम) के कहने पर कार्ति से मिले थे. हालांकि, कार्ति ने इन आरोपों से इनकार किया.

इंद्राणी ने यह भी कहा कि उनकी कंपनी आईएनएक्स मीडिया ने चेस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक डील की थी, पैसों का भुगतान अडवांटेज स्ट्रैटजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को किया गया था.

कार्ति को इस मैनेजमेंट कंपनी में मारे गए छापे से बरामद हुई 10 लाख रुपये की रसीदें दिखाई गईं तो उन्होंने कहा कि वह कंपनी की रोजमर्रा की गतिविधियों में शामिल नहीं होते थे.

गौरतलब है कि यह मामला 2007 में पी. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया के 305 करोड़ रुपये विदेशी फंड हासिल करने से जुड़ा है. आरोप हैं कि आईएनएक्स मीडिया ने फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) क्लीयरेंस हासिल करने में अनियमितता बरती थी. आरोप हैं कि कार्ति की कंपनी को यह फंड दिलवाने के लिए 10 लाख रुपये मिले थे.

 

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