EXIT POLL: लिंगायतों को लुभाने में सफल रही BJP, कांग्रेस का दांव फेल!

नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक मात्र बचे किले को कायम रखने के लिए कांग्रेस लिंगायत समाज को लुभाने में जुटी रही. मगर शनिवार को आए इंडिया टुडे ग्रुप-AXIS MY INDIA का एग्जिट पोल बता रहा है कि कांग्रेस का यह दांव फेल हो गया है. सर्वे के मुताबिक राज्य में कांग्रेस बड़ी पार्टी बनकर जरूर उभरी है, लेकिन उसका लिंगायत कार्ड काम नहीं कर पाया.

‘आजतक’ का सर्वे बताता है कि लिंगायत समुदाय का 62 फीसदी वोट बीजेपी को मिला और 16 फीसदी वोट ही कांग्रेस के खाते में जा पाया है. जबकि जेडीएस को लिंगायतों का 11 फीसदी वोट मिला है.

इससे पहले विधानसभा चुनावों को लेकर लोकनीति-सीएसडीएस और एबीपी न्यूज के सर्वे ने भी कांग्रेस के मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया का लिंगायत कार्ड बेअसर रहने की बात कही थी. सर्वे के मुताबिक 61 फीसदी लिंगायत वोटरों को बीजेपी के साथ बताया गया था, जबकि 18 प्रतिशत ने कांग्रेस का समर्थन किया था. जेडीएस को भी 11 प्रतिशत लिंगायतों के वोट मिलने की बात कही गई थी.

कांग्रेस का दांव बेअसर

कांग्रेस सरकार ने राज्य में दोबारा जीत हासिल करने के लिए दांव खेलते हुए लिंगायत समाज को अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा दिया था. लेकिन सर्वे बताता है कि कांग्रेस का यह कदम वोट में तब्दील नहीं हो पाया. एग्जिट पोल के आंकड़े बता रहे हैं कि कर्नाटक में सवर्ण वोट भी बीजेपी के खाते में दर्ज किए गए हैं.

लिंगायतों का प्रभाव

बीजेपी ने 68 लिंगायत उम्मीदवारों को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने 49 लिंगायत उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. राज्य में कुल 14 फीसदी लिंगायत हैं जिनका 76 सीटों पर काफी असर माना जाता है. पिछले चुनाव में लिंगायत बाहुल्य इलाके की 10 सीटें बीजेपी के पास गई थीं जबकि कांग्रेस को इन इलाकों से 30 के करीब सीटें मिली थीं. 2008 में लिंगायतों के सहयोग से ही बीएस येदियुरप्पा ने जीत हासिल की थी. येदियुरप्पा खुद लिंगायत समुदाय से ही आते हैं.

राज्य के सभी 30 जिलों में मठों का जाल फैला हुआ है. जातीय समीकरण के लिहाज से मठों का अपना प्रभुत्व और दबदबा है जो राजनैतिक दलों को उनकी ओर आकर्षित करता है. राज्य में सबसे अधिक दबदबे वाले लिंगायत समुदाय की संख्या करीब 18 फीसदी है. इस समुदाय का मुख्य मठ सिद्धगंगा बेंगलूरु से लगभग 80 किलोमीटर दूर तुमकुर में है. इस मठ को बीजेपी समर्थक माना जाता है.

बीजेपी को गया सवर्ण वोट

‘आजतक’ के सर्वे के मुताबिक विधानसभा चुनाव में सवर्णों का ज्यादातर वोट बीजेपी की झोली में गया है. ब्राह्मणों का 66 फीसदी वोट बीजेपी की तरफ गया जबकि 16 फीसदी ब्राह्मणों का वोट ही कांग्रेस के खाते में गया. जेडीएस को सात प्रतिशत ब्राह्मणों ने ही वोट दिया है. सवर्णों के पूरे आंकड़ों पर नजर डाला जाए तो पता चलता है कि कांग्रेस को हिंदू उच्च जातियों का 20 फीसदी वोट मिला जबकि बीजेपी को 52 फीसदी वोट मिला.

 

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