कृषि कानून: सरकार के रवैये से नाराज सुप्रीम कोर्ट, CJI ने कही ये बड़ी बात…

कृषि कानून के विरोध में किसान पिछले करीब 50 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. उनका कहना है कि, सरकार जब तक इन काले कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक ये आंदोलन चलता रहेगा.

कृषि कानून के विरोध में किसान (farmer) पिछले करीब 50 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. उनका कहना है कि, सरकार जब तक इन काले कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक ये आंदोलन चलता रहेगा. इसके लिए चाहे पूरे साल हमें आंदोलन करना पड़े. वहीं सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को शुरू हुई सुनवाई के दौरान सीजेआई ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर की है. सीजेआई ने कहा कि, जिस तरह से सरकार इस मसले को हैंडल कर रही है उससे हम खुश नहीं हैं. हमें नहीं पता सरकार ने कानून पास करने से पहले क्या किया.पिछली सुनवाई में भी बातचीत के बारे में कहा गया, क्या हो रहा है?

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बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में किसान (farmer) आंदोलन से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गई है. इनमें कृषि कानून में दिक्कतों और सड़क पर जारी आंदोलन को लेकर दायर याचिका भी शामिल है.इसके साथ ही किसानों (farmer) का आंदोलन लगातर जारी है. दिल्ली की हड्डी गला देने वाली सर्दी के बीच भी किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.

एक तरफ सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन और कृषि कानून (farmer) को लेकर सुनवाई चल रही है तो दूसरी तरफ सियासी अखाड़े में भी आंदोलन को हवा देने की पुरजोर कोशिश की जा रही है. दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से लेफ्ट नेताओं की मुलाकात होनी है. सीताराम येचुरी, डी. राजा किसान (farmer) आंदोलन को लेकर शरद पवार से मिलेंगे.

वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी ट्वीट करके सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने कहा है कि, भाजपा सरकार किसानों के प्रति असंवेदनशील होकर जिस प्रकार उपेक्षापूर्ण रवैया अपना रही है, वो सीधे-सीधे अन्नदाता का अपमान है. घोर निंदनीय! अब तो देश की जनता भी किसानों के साथ खड़ी होकर पूछ रही है : दुनिया में उठता हुआ धुआँ दिखता है जिन्हें घर की आग का मंज़र, क्यों न दिखता उन्हें.

 

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