कृषि कानून: बैठक में किसानों ने कही ऐसी बात, मीटिंग छोड़कर चले गए मंत्री…

कृषि कानून: सरकार के साथ किसानों (farmers) की होने वाली 11वें दौर की बैठक खत्म हो गई है. सरकार की तरफ से अगली मीटिंग के लिए कोई समय नहीं दिया गया है.

सरकार के साथ किसानों (farmers) की होने वाली 11वें दौर की बैठक खत्म हो गई है. सरकार की तरफ से अगली मीटिंग के लिए कोई समय नहीं दिया गया है. वहीं किसान नेता शिवकुमार कक्का ने कहा कि, लंच ब्रेक से पहले किसानों ने कानूनों को वापस करने की मांग रखी थी जिसपर सरकार ने संसोधन करने की बात कही.किसानों से प्रस्ताव पर विचार करने को कहा गया. जिसपर हम लोगों ने कहा कि, हमारे प्रस्ताव पर विचार कीजिए जिसके बाद मंत्री मीटिंग से चले गए.

सरकार ने बैठक के दौरान किसानों (farmers) से कहा कि, किसान सरकार के प्रस्ताव पर एक बार फिर से विचार करें. जिसके बाद किसानों ने लंच ब्रेक में प्रस्ताव को लेकर चर्चा की और सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. किसानों (farmers) का कहना है कि कानूनों को टालने की कोई मांग जब की ही नहीं गई तो सरकार टालने की बात क्यों कर रही है. किसान इन कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़ी हुई है. इसलिए सरकार कानून को वापस ले.

इसके पहले सरकार के साथ किसानों (farmers) की 10 राउंड की मीटिंग हो चुकी है लेकिन ये सभी बैठकें बेनतीजा रही हैं. पिछली बैठक में सरकार की तरफ से कानून को डेढ़ साल तक रोके जाने के प्रस्ताव को किसानों ने मानने से इंनकार कर दिया था.

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किसानों (farmers) ने इस बैठक में एनआईए जांच का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया और सरकार पर आरोप लगाया था कि, सरकार जांच एजेंसियों के जरिए कृषि कानूनों का विरोध करने वालों पर दबाव बना रही है. जिसपर सरकार ने किसान संगठनों से कहा था कि, अगर जांच एजेंसी किसी निर्दोष पर कार्रवाई कर रही है तो हमें उसकी लिस्ट दीजिए हम उसपर जरूर बात करेंगे.

वहीं किसानों (farmers) ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाले जाने को लेकर भी चर्चा की. लेकिन सरकार ने ये कहते हुए इसपर बात करने से मना कर दिया था कि, ये पुलिस से जुड़ा मामला है. इसपर फैसले का अधिकार पुलिस को है. किसानों ने साफ तौर पर सरकार के सामने अपना पक्ष रखते हुए बता दिया था कि, किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर पर तिरंगा लगाकर रैली निकालेंगे और गणतंत्र दिवस की परेड को कोई भी बाधा नहीं पहुंचाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैक्टर रैली निकाले जाने पर किसी तरह के फैसले से इनकार करते हुए कहा था कि, ये पुलिस निर्णय लेगी कि, रैली निकाली जाएगी या फिर नहीं. किसान संगठनों के नेताओं ने दिल्ली पुलिस के आलाधिकारियों के साथ बैठक कर रैली निकाले जाने की मांग की जिसको पुलिस ने मानने से इंकार कर दिया. पुलिस ने कहा था कि, आप रैली को दूसरे रास्ते पर निकाल सकते हैं.

 

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