कृषि कानूनों को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कही ये बड़ी बात, सरकार…

कृषि कानूनों को लेकर चल रहे तकरार के बीच सरकार के साथ किसानों (farmers) की 11वें दौर की बैठक चल रही है. इस बीच बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का बयान आया है.

कृषि कानूनों को लेकर चल रहे तकरार के बीच सरकार के साथ किसानों (farmers) की 11वें दौर की बैठक चल रही है. इस बीच बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का बयान आया है. उमा भारती ने कहा कि, सरकार और किसानों को मिलकर बात करनी चाहिए. किसी भी पक्ष को ईगो नहीं रखना चाहिए. जैसे 1989 में किसान आंदोलन के समय हुआ था. दोनों पक्षों को इसपर खुलकर चर्चा करनी चाहिए और हल निकालने पर जोर देना चाहिए.

सरकार के साथ किसानों (farmers) की होने वाली 11वें दौर की बैठक शुरू हो गई है. सरकार की तरफ से एक बार फिर से कानून को होल्ड रखने की बात कही जिसे किसानों (farmers) ने मानने से इनकार कर दिया. वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, किसान ट्रैक्टर रैली तिरंगे के साथ निकालने की बात कर रहे हैं फिर अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है.

इसके पहले सरकार के साथ किसानों (farmers) की 10 राउंड की मीटिंग हो चुकी है लेकिन ये सभी बैठकें बेनतीजा रही हैं. पिछली बैठक में सरकार की तरफ से कानून को डेढ़ साल तक रोके जाने के प्रस्ताव को किसानों (farmers) ने मानने से इंनकार कर दिया था.

किसानों (farmers) ने इस बैठक में एनआईए जांच का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया और सरकार पर आरोप लगाया था कि, सरकार जांच एजेंसियों के जरिए कृषि कानूनों का विरोध करने वालों पर दबाव बना रही है. जिसपर सरकार ने किसान संगठनों से कहा था कि, अगर जांच एजेंसी किसी निर्दोष पर कार्रवाई कर रही है तो हमें उसकी लिस्ट दीजिए हम उसपर जरूर बात करेंगे.

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वहीं किसानों (farmers) ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाले जाने को लेकर भी चर्चा की. लेकिन सरकार ने ये कहते हुए इसपर बात करने से मना कर दिया था कि, ये पुलिस से जुड़ा मामला है. इसपर फैसले का अधिकार पुलिस को है. किसानों ने साफ तौर पर सरकार के सामने अपना पक्ष रखते हुए बता दिया था कि, किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर पर तिरंगा लगाकर रैली निकालेंगे और गणतंत्र दिवस की परेड को कोई भी बाधा नहीं पहुंचाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैक्टर रैली निकाले जाने पर किसी तरह के फैसले से इनकार करते हुए कहा था कि, ये पुलिस निर्णय लेगी कि, रैली निकाली जाएगी या फिर नहीं. किसान संगठनों के नेताओं ने दिल्ली पुलिस के आलाधिकारियों के साथ बैठक कर रैली निकाले जाने की मांग की जिसको पुलिस ने मानने से इंकार कर दिया. पुलिस ने कहा था कि, आप रैली को दूसरे रास्ते पर निकाल सकते हैं.

 

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