Farmers Protest: प्रियंका का सरकार पर हमला- 100 दिन किसानों के संघर्ष के, 100 दिन भाजपा सरकार के अहंकार के….

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान (Farmers) करीब 100 दिनों दिल्ली के बॉर्डर पर से आंदोलन कर रहे हैं. किसान संगठन तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर अडे़ हुए हैं

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान (Farmers) करीब 100 दिनों दिल्ली के बॉर्डर पर से आंदोलन कर रहे हैं. किसान संगठन तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर अडे़ हुए हैं, वहीं केंद्र की मोदी सरकार कृषि कानूनों की वापसी के लिए तैयार नहीं है.

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार पर हमला बोला

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने किसान (Farmers) आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर ट्वीट करके सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट में दो मिनट बत्तीस सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया है. इसके साथ ट्वीट में लिखा कि, किसानों के संघर्ष को 100 दिन हो गये हैं, किसानों की हक की लड़ाई के, देश के अन्नदाता के सम्मान के, गांधी जी के सरदार पटेल, नेहरू जी, शास्त्री जी, शहीद भगत सिंह के दिखाए हुए रास्ते के, उन्होंने आगे लिखा है कि भाजपा सरकार के अहंकार के 100 दिन, किसान पर प्रहार के, सरकार के झूठ और किसानों के तिरस्कार के.

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के बीच फैलाया गया भ्रम

बता दें कि केंद्र सरकार ने साफ कर चुकी है कि वो कृषि कानूनों में संसोधन के लिए तैयार है, लेकिन कृषि कानूनों को सरकार रद्द नहीं करेगी. इस पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हाल में ही कहा था कि सरकार किसान (Farmers) से बातचीत के जरिए समाधान निकालने के लिए तैयार है. उन्होंने आगे कहा कि किसानों के बीच कृषि कानूनों के लेकर भ्रम फैलाया गया है. तीनों कृषि कानून देश के किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए लाए गए हैं.

आपको बता दें कि किसान संगठनों और सरकार के साथ आखिरी बातचीच 22 जनवरी को हुई थी, पिछले करीब 45 दिनों से किसान संगठन और सरकार के बातबीच ठप्प है.

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किसान दिल्ली की कई सीमाओं पर किसान (Farmers) आंदोलन कर रहे हैं. जिसमें से गाजीपुर बॉर्डर की कमान भाकियू नेता राकेश टिकैत ने संभाल रखी है. भाकियू नेता कहा कि किसान (Farmers) का इस तरह के कानून आ रहे है कि अब किसान का खुला दूध नहीं बिकेगा, पहले कंपनी बेचो, फिर वो पैकेट में बेचेगी. किसान का दूध गांव से 20-30 रुपये किलो जाएगा, लेकिन जनता को 80-90 रुपये प्रतिकिलो मिलेगा.

 

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