नए कृषि कानूनों से नाराज़ किसानों ने सरकार का खाना खाने से किया इंकार, बोले…
मोदी सरकार के कृषि बिल पर किसान इस प्रकार आक्रोशित है कि जब किसानों के प्रतिनिधि मंडल को बातचीत के लिए बुलाया गया था उनको खाना ऑफर किया तो उसे खाने से साफ इंकार कर दिया।
farmers : मोदी सरकार के कृषि बिल पर किसान (farmers)इस प्रकार आक्रोशित है कि जब किसानों के प्रतिनिधि मंडल को बातचीत के लिए बुलाया गया था उनको खाना ऑफर किया तो उसे खाने से साफ इंकार कर दिया। दरअसल चर्चा के बीच हुए लंच ब्रेक के दौरान किसानों ने सरकार द्वारा दिए गए लंच और चाय तक को खाने से इंकार कर दिया। किसानों ने कहा हम अपना खाना साथ लाए हैं हम वही खाएंगे।
किसानों ने बताया, “अभी लंच ब्रेक हुआ है। सरकार ने हमें खाने और चाय का ऑफर दिया था लेकिन हमने मना कर दिया और अपने साथ ले जाए गए लंगर के खाने को ही खाया। बता दें केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले सात दिनों से सड़क पर उतरे किसानों के प्रतिनिधिमंडल को आज केंद्र सरकार ने बातचीत के लिए बुलाया था।
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दिल्ली के विज्ञान भवन में ये बातचीत दोपहर 12 बजे शुरू हुई। विज्ञान भवन में चल रही बैठक में किसान अपनी समस्या बिंदुवार प्रेजेंटेशन में समझा रहे थे। सरकार और किसान प्रतिनिधि एक-एक बिंदु पर बात कर रहे थे। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद हैं। नरेंद्र तोमर ने मीटिंग के पहले कहा कि उनकी आशा है कि बातचीत से सकारात्मक नतीजे निकलकर आएं।
अभी लंच ब्रेक हुआ है
चर्चा के बीच हुए लंच ब्रेक के दौरान किसानों ने सरकार द्वारा दिए गए लंच और चाय तक को स्वीकार नहीं किया. किसानों ने लंच के दौरान अपने साथ लाया खाना ही खाया। किसानों ने बताया, “अभी लंच ब्रेक हुआ है। सरकार ने हमें खाने और चाय का ऑफर दिया था लेकिन हमने मना कर दिया और अपने साथ ले जाए गए लंगर के खाने को ही खाया।
विज्ञान भवन के अंदर की तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कैसे किसान अपने साथ लाए खाने को ही बांटकर खा रहे हैं। बता दें कि प्रदर्शनकारी किसान राष्ट्रीय राजधानी से लगी सीमाओं पर डटे हैं और सरकार से नये कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनमें से ज्यादातर किसान पंजाब से हैं। इससे पहले किसानों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि यदि तीनों किसान कानूनों को रद्द नहीं किया गया तो वे दिल्ली के रास्ते ब्लॉक कर देंगे।
किसानों ने कहा है कि सरकार विशेष सत्र बुलाकर इन कानूनों को रद्द कर दे अन्यथा किसान दिल्ली ब्लॉक कर देंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार पंजाब के किसानों के अलावा पूरे देश के किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाए।
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