दिल्ली में हुई हिंसा पर बोले किसान नेता- लाल किले की घटना के पीछे छिपने की कोशिश कर रही है सरकार

गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों (Farmers) की ट्रैक्टर रैली (Tractor rally) के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने किसान नेताओं के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया हैं.

गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों (Farmers) की ट्रैक्टर रैली (Tractor rally) के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने किसान नेताओं के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया हैं. पुलिस ने 37 किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं.

किसान नेता का हिंसा को लेकर बड़ा बयान

इस बीच किसान नेता श्रवण सिंह पंढेर (Shravan Singh Pandher) ने हिंसा को लेकर बड़ा बयान दिया है। श्रवण सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार लाल किले की घटना के पीछे छिपने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि किसान नेताओं पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं, अन्नदाता कभी ऐसा नहीं कर सकता है, लेकिन किसानों (Farmers) का आंदोलन सिंघु बॉर्डर पर जारी रहेगा. श्रवण सिंह ने बताया कि ट्रैक्टर परेड में सौ गुना ट्रैक्टर अधिक आए थे, इसलिए अब काफी लोग वापस जा रहे हैं.

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ट्रैक्टर परेड में अचानक से भड़की हिंसा

आपको बता दें कि, गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की तरफ से दिल्ली (delhi) में निकाली गई किसानों (Farmers) की ट्रैक्टर परेड में अचानक से हिंसा भड़क गई और उपद्रवियों ने लालकिले पर पहुंचकर वहां पर तिरंगा हटाकर निशान साहब का झंडा फहरा दिया. इसके साथ ही लालकिले में जमकर तोड़फोड़ की गई.

इस घटना के बाद पुलिस लगातार हिंसा करने वालों की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पहचान करके उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है. वहीं झंडा फहराने वाले शख्स का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है. इस वीडियो में जो युवक दिखाई दे रहा है, उसका नाम जुगराज बताया जा रहा है जो पंजाब के तरनतारन का रहने वाला बताया जा रहा है.

गृह मंत्रालय की तरफ से सख्त कार्रवाई करने के आदेश

गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली (delhi) में हिंसा भड़काने वालों पर गृह मंत्रालय की तरफ से सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं. हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ पुलिस (Delhi police) लुकआउट नोटिस जारी करना जा रही है. इसके साथ ही पुलिस (Delhi police) ने 20 से ज्यादा किसानों (Farmers) को नोटिस भेज चुकी है. लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद पासपोर्ट जब्त कर लिया जाएगा. जिससे उन्हें देश छोड़ने से भी रोका जा सके.

पुलिस (delhi police) ने 20 से ज्यादा किसान नेताओं को नोटिस भी दिया है, जिसमें योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा और राजेवाल के नाम शामिल हैं. इन सब नेताओं से तीन दिन में जवाब मांगा है, क्योंकि इन लोगों ने अग्रीमेंट के बाद सारे रूल्स को तोड़ा. नोटिस में इन नेताओं से पूछा गया है कि क्यों न आपके खिलाफ एक्शन लिया जाए.

पीछे हटने लगे हैं किसान संगठन…

दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों (Farmers) की ट्रैक्टर परेड में भड़की हिंसा के बाद किसान संगठन अब आंदोलन से पीछे हटने लगे हैं. बुधवार को दो संगठनों ने अपना धरना खत्म करते हुए खुद को अलग कर लिया. किसान (farmer) नेता युद्धवीर सिंह ने हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस से माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि, वो इस हिंसा की वजह से काफी शर्मिंदा हैं. युद्धवीर सिंह ने कहा, गणतंत्र दिवस के दिन जो भी किया गया वो बेहद शर्मनाक है और हम शर्मिंदा हैं. कोई भी आंदोलन तभी सफल होता है जब दोनों ओर से सहयोग किया जाता है. उन्होंने हिंसा में शामिल लोगों को लेकर कहा कि, जो लोग हिंसा भड़काने में शामिल थे उसमें उनका कोई भी सदस्य शामिल नहीं था. जब दंगा भड़का था उस समय वो गाजीपुर बॉर्डर के पास थे.

युद्धवीर सिंह ने कहा हम इश हिंसा की निंदा करते हैं और इसके प्रायश्चित के लिए 30 जनवरी को एक दिन का उपवास भी करेंगे. दिल्ली पुलिस (delhi police) में भी हमारे ही भाई-बंधु हैं, ऐसे में उनके साथ जिस तरह से मारपीट की गई है उसके लिए जवानों से माफी मांगते हैं.

किसान आंदोलन में दो संगठनों का बड़ा ऐलान

गौरतलब है कि, इससे पहले दो संगठनों ने खुद को किसान आंदोलन से अलग करने का ऐलान किया था. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता शिवकुमार कक्का ने कहा था कि, किसान आंदोलन में ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ उपद्रवी तत्व घुस आए और उन्होंने हिंसा को भड़काया. किसान संगठनों की चूक की वजह से ऐसा हुआ है.

 

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