G-7 का सदस्य नहीं है भारत, फिर भी इस बड़े मंच पर PM मोदी को क्यों मिला बुलावा?

नई दिल्ली। जी-7 दुनिया के सात विकसित देशों का एलीट क्लब है. ये देश दुनिया की अर्थव्यवस्था की चाल और रफ्तार तय करते हैं. जी-7 के देशों का दुनिया की 40 फीसदी जीडीपी पर कब्जा है. हालांकि यहां पर मात्र 10 फीसदी आबादी निवास करती है. भारत इस वीआईपी क्लब का सदस्य नहीं है. लेकिन वैश्विक पटल पर भारत की बढ़ती ताकत का ही असर है कि इस सम्मेलन में भारत को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थोड़ी ही देर में इस बैठक में शिरकत करने फ्रांस के बिआरिट्ज शहर पहुंच रहे हैं.

जी-7 में शामिल देश हैं कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका. 1977 से इस सम्मेलन में यूरोपियन यूनियन भी शामिल होता रहा है.

G7 France

@G7

It’s time to take action!

View image on Twitter
2,731 people are talking about this

खूबसूरत शहर है बिआरिट्ज

इस बार फ्रांस के समुद्री तट पर स्थित खूबसूरत शहर बिआरिट्ज में जी-7 सम्मेलन हो रहा है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस बार के सम्मेलन में सदस्य देशों के अलावा उन देशों को खास रूप से आमंत्रित किया है जो वर्ल्ड पॉलिटिक्स में मजबूत दखल रखते हैं. इस लिस्ट में भारत का नाम सबसे पहले हैं. भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका को भी इस बार विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है. अफ्रीकी देश सेनेगल और रवांडा भी इस बार आमंत्रित हैं.

भारत को खास बुलावा

विदेश मंत्रालय ने कहा कि जी-7 में भारत को आमंत्रण दुनिया में एक बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में भारत की पहचान और फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ भारत के प्रधानमंत्री की पर्सनल केमिस्ट्री का सबूत है. इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री वातावरण, जलवायु, समुद्री सुरक्षा और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर सेशन को संबोधित करेंगे.

Prasar Bharati News Services

@PBNS_India

Venue of the G7 Summit. The 3-day Summit starts today and will end on 26th August. India is invited as a part of 4 major partners who are committed to the protection and promotion of democratic freedoms.

View image on TwitterView image on Twitter
See Prasar Bharati News Services’s other Tweets

बता दें कि इस वक्त फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जी-7 के अध्यक्ष हैं. अध्यक्ष होने के नाते उन्हें गैर सदस्य देशों को इस सम्मेलन में आमंत्रित करने का अधिकार है. जी-7 की अध्यक्षता सदस्य देश करते हैं. हर सदस्य देश बारी-बारी से जी-7 की अध्यक्षता करता है. तीन दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के दौरे पर थे. यहां पर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से उनकी केमिस्ट्री मीडिया में काफी चर्चित रही थी.

दरअसल जी-7 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है, न ही इस संगठन का कोई कानूनी स्वरूप है. जो देश जी-7 का अध्यक्ष होता है, वही इसके कामकाज के लिए जरूरी संसाधन मुहैया कराता है और ग्रुप का एजेंडा तय करता है. फ्रांस के राष्ट्रपति ने इस बार के बैठक के लिए आर्थिक और सामाजिक असामनता और लैंगिक असमानता को मुख्य एजेंडा तय किया है.

कश्मीर पर हो सकती है चर्चा

भारत के लिए इस बार का जी-7 बैठक इसलिए अहम है कि इस बार प्रधानमंत्री मोदी कश्मीर मुद्दे पर ट्रंप से बात कर सकते हैं. कुछ ही दिन पहले ट्रंप ने कहा था कि वे कश्मीर के मुद्दे पर पीएम से चर्चा करना चाहेंगे. हालांकि भारत ने दुनिया को दो टूक कह दिया है कि कश्मीर का मुद्दा भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है. अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार, टैरिफ पर भी चर्चा हो सकती है. इसके अलावा पीएम मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ भी वार्ता करेंगे.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button