GST के लिए 70 साल बाद आधी रात को बुलाया जाएगा पार्लियामेंट सेशन

नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) लागू करने के लिए सरकार ने 30 जून को पार्लियामेंट का स्पेशल सेशन बुलाया है। 30 जून की रात करीब 11 बजे यह सेशन पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल में होगा। रात 12 बजते ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जीएसटी को ऑफिशियली लॉन्च करेंगे। अरुण जेटली ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। बता दें कि देशभर में 1 जुलाई से GST लागू होने जा रहा है। ऐसा पहली बार होगा जब किसी कानून को लागू करने के लिए आधी रात को संसद सत्र बुलाया जाएगा। इससे पहले 14 अगस्त 1947 को आधी रात को विशेष सत्र बुलाया गया था।
जेटली ने कहा, ”30 जून देर रात से इसे ऑफिशियली लॉन्च किया जाएगा। लॉन्च का फंक्शन पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल में होगा। इसमें सभी सांसद, सभी राज्य सरकारों के वित्त मंत्री और शुरू से लेकर अब तक एम्पावर्ड मीटिंग के मेंबर्स रहे लोगों को न्योता दिया है। आधी रात को राष्ट्रपति की मौजूदगी में जीएसटी ऑफिशियल लॉन्च होगा। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और दो पूर्व मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी न्योता दिया गया है। वे भी मंच पर रहेंगे। लॉन्चिंग से पहले राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जीएसटी के बारे में अपनी बात रखेंगे।
जेटली ने कहा कि जीएसटी काउंसिल के जितने भी फैसले हुए, सारे आम राय से हुए। केरल में आने वाले हफ्ते में बिल पास हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर में जीएसटी के लिए प्रक्रिया चल रही है। इन दो राज्यों को छोड़कर बाकी राज्यों में जीएसटी बिल पास हो चुका है। एक प्रकार से सभी निर्णय संसद के दोनों सदनों, राज्य विधानसभाओं में सहयोग रहा। पूरे देश के इनडायरेक्ट टैक्सेशन सिस्टम को यह पूरा बदल देगा।
देश को आजादी मिलने से पहले 14 अगस्त 1947 को संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अगुआई में आधी रात को संसद सत्र बुलाया गया था। तब वंदे मातरम् गाया गया था। आधी रात को आजादी मिलने का एलान हुआ था। इसके बाद डॉ. प्रसाद की स्पीच हुई। बाद में पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने Tryst with Destiny (नियति से पुनर्मिलन) स्पीच दी। सभी के सामने राष्ट्रीय ध्वज को लाया गया था। आधी रात के बाद संसद 15 अगस्त की सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
क्या है GST?
– GST का मतलब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स है। इसको केंद्र और राज्‍यों के 17 से ज्‍यादा इनडायरेक्‍ट टैक्‍स के बदले में लागू किया जाएगा। ये ऐसा टैक्‍स है, जो देशभर में किसी भी गुड्स या सर्विसेज की मैन्‍युफैक्‍चरिंग, बिक्री और इस्‍तेमाल पर लागू होगा।
– इससे एक्‍साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), स्टेट के सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे।
– सरल शब्‍दों में कहें ताे जीएसटी पूरे देश के लिए इनडायरेक्‍ट टैक्‍स है, जो भारत को एक समान बाजार बनाएगा। जीएसटी लागू होने पर सभी राज्यों में लगभग सभी गुड्स एक ही कीमत पर मिलेंगे। अभी एक ही चीज के लिए दो राज्यों में अलग-अलग कीमत चुकानी पड़ती है। इसकी वजह अलग-अलग राज्यों में लगने वाले टैक्स हैं। इसके लागू होने के बाद देश बहुत हद तक सिंगल मार्केट बन जाएगा।
GST लागू होने से क्या होगा?
जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स। इसे केंद्र और राज्यों के 20 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स के बदले लगाया जा रहा है। जीएसटी के बाद एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम, वैट/सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, एटरटेनमेंट टैक्स, ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स, लग्जरी जैसे टैक्स खत्म होंगे।
GST लागू होने से आम आदमी को क्या फायदा होगा?
टैक्सों का जाल और रेट कम होगा:अभी हम अलग-अलग सामान पर 30 से 35% टैक्स देते हैं। जीएसटी में कम टैक्स लगेगा।
एक देश, एक टैक्स: सभी राज्यों में सभी सामान एक कीमत पर मिलेगा। अभी एक ही चीज दो राज्यों में अलग-अलग दाम पर बिकती है, क्योंकि राज्य अपने हिसाब से टैक्स लगाते हैं।
दुनिया में कितने फीसदी तक है जीएसटी?
– जीएसटी 150 देशों में लागू हो चुका है। लेकिन रेट अलग-अलग हैं। जापान में 5%, सिंगापुर में 7%, जर्मनी में 19%, फ्रांस में 19.6% है। स्वीडन में 25%, ऑस्ट्रेलिया में 10%, कनाडा में 5%, न्यूजीलैंड में 15% और पाकिस्तान में 18% तक है।
कितने तरह के GST हैं और इनके मायने क्या हैं?
1. सीजीएसटी यानी सेंट्रल जीएसटी: इसे केंद्र सरकार वसूलेगी।
2. एसजीएसटी यानी स्टेट जीएसटी: इसे राज्य सरकार वसूलेगी।
3.आईजीएसटी यानी इंटिग्रेटेड जीएसटी: अगर कोई कारोबार दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर यह टैक्स लगेगा। इसे केंद्र सरकार वसूलकर दोनों राज्यों में बराबर बांट देगी।
4.यूनियन टेरेटरी जीएसटी: यूनियन गवर्नमेंट द्वारा एडिमिनिस्ट्रेट किए जाने वाले गुड्स, सर्विस या दोनों पर लगेगा। इसे सेंट्रल गवर्नमेंट ही वसूलेगी।
 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button